अपने हर जुर्म के बाद तीर्थ यात्रा पर पाप धोने जाते थे ये अपराधी, जानें इनके बारे में

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These criminals used to go for sanctification at several pilgrimage places cover

आपने सुना होगा कि तीर्थ स्थानों तथा पवित्र सरोवरों में जाने से लोगों के पाप खत्म हो जाते हैं, हाल ही में एक ऐसे आपराधिक गिरोह को पुलिस ने पकड़ा है जो लोगों को लूटने के बाद तीर्थ स्थान में अपने पाप धोने के लिए जाता था। जी हां, हाल ही में एक ऐसा गिरोह पुलिस के हाथ लगा है जिसके सदस्य गुनाह करने के बाद में अपने पाप धोने के लिए तीर्थ यात्रा पर चले जाते थे। तीर्थ यात्रा से आने के बाद ये लोग फिर से आपराधिक कार्यों में जुट जाते थे।

आपको बता दें कि ये गिरोह एक “राजस्थानी गैंग” है। इसके लोगों को हाल ही में पुलिस ने मध्य प्रदेश तथा राजस्थान की सीमा के बीच से पकड़ा है। आपको बता दें कि इस गैंग के लोग बड़े-बड़े लोगों को ठगने का काम किया करते थे, हाल ही में इस गिरोह के लोगों ने राजनांद गांव के 2 व्यापारियों को 4 किलो सोने की नकली चेन बेचकर 16 लाख रूपए ले लिए और पैसा लेकर ये लोग रफूचक्कर हो गए।

इस बात की शिकायत जब पुलिस से व्यापारियों ने की तब पुलिस सक्रिय हुई और इस गैंग के तीन सदस्यों को पकड़ लिया, जिसमें इस गैंग का मुख्य व्यक्ति सेवाराम सोलंकी उर्फ बिनोवा भी शामिल था। सेवाराम सोलंकी ने पुलिस को बताया कि ये लोग ठगी करके आपस में बराबर पैसा बांट लेते थे तथा अय्याशी करते थे।

These criminals used to go for sanctification at several pilgrimage placesimage source:

इन लोगों ने बताया कि अपराध की घटना को अंजाम देने के बाद ये लोग अपने पाप धोने के लिए तीर्थ स्थलों पर भी जाया करते थे। इन लोगों से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर से 3 व्यापारियों को ठगने के बाद ये लोग उज्जैन के महाकाल मंदिर में अपने पाप धोने के लिए गए थे। इन लोगों ने बताया है कि ठगी करने के बाद ये लोग पुष्कर, महाकाल मंदिर, शिरडी तथा नासिक जैसी कई जगहों पर अपने पाप धोने के लिए गए थे।

एएसपी विजय अग्रवाल ने इन अपराधियों की जानकारी देते हुए कहा कि ये लोग ठगी करने के बाद आपस में बराबर पैसे बांट कर तीर्थ स्थलों पर निकल जाते थे तथा वहां से आकर फिर से ठगी करना शुरू कर देते थे। इन लोगों ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र तथा ओडिसा में ठगी करने की बात को स्वीकारा है। इस प्रकार से ये अनोखा ठग गैंग पुलिस के हाथ लगा है, जिसके लोग अपराध को अंजाम देकर पाप धोने के लिए तीर्थ स्थानों पर चले जाते थे।

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