ज़ीक़ा का टीका है अभी 18 महीने दूर- डब्लूएचओ

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स्वाइन फ्लू, चिकन गुनिया और डेंगू के वायरस के बाद अब जीका वायरस दुनिया में अपनी पकड़ बना रहा है। यह वायरस बच्चों और बूढ़ों दोनों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है। इस वायरस ने लैटिन अमेरिका के काफी देशों को प्रभावित किया है। हालांकि भारत अभी इस बीमारी की चपेट से दूर है, लेकिन इस तरह के वायरस काफी तेज़ी से पूरी दुनिया में फैलते हैं।

हर देश जल्द से जल्द इस बीमारी का इलाज चाहता है। विभिन्न देशों के वैज्ञानिक इस वायरस का टीका बनाने में लगे हैं। वहीं अगर WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन ) की मानें तो बहुत से देश ऐसे हैं जो बड़े पैमाने पर इस वायरस से बचाव के लिए टीका बनाने में जुटे हैं, लेकिन इस टीके के परिक्षण में अभी 18 महीने का समय लग सकता है। इसके बाद ज़ीक़ा के भयानक वायरस और इससे संक्रमित व्यक्ति के शरीर में इसके परिणाम देखने में भी कुछ हफ्ते लगेंगे।

zika1Image Source: http://beenotty.com/

पत्रकारों से इस बारे में बात करते हुए WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) की उप निदेशक मेरी पाऊल ने बताया कि ऐसी 15 कंपनियां या संगठन हैं जो इस टीके पर काम कर रहे हैं। उन्होंने अपने काम की शुरूआत कर दी है। यह वायरस सभी देशों के लिए एक ग्लोबल प्रॉब्लम बन गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक दो ऐसे संगठन हैं जिन पर सबसे अधिक भरोसा महसूस हो रहा है। इन दो संगठनों का नाम लेते हुए उन्होंने अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ और भारत के भारत बायोटेक का नाम लिया।

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जीका वायरस भी बाकी खतरनाक वायरस की ही तरह एडिस मच्छर के काटने से फैलता है। इस वायरस के खतरनाक परिणाम वर्ष 2007 में पैसिफ़िक रिजन, फ्रेंच पॉलिनेशिया में 2013 और अफ्रीका में वर्ष 2015 में देखने को मिले थे। अभी तक अमेरिका के 22 देश ऐसे हैं, जो जीका वायरस की चपेट में आ चुके हैं।

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