तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। हालही में इसका विरोध करने पर एक मुस्लिम महिला का हुक्का पानी बंद कर दिया गया। इसके साथ ही मुस्लिम महिला पर एक फतवा भी जारी किया गया है। बता दें की मुस्लिम महिलाओं से जुड़ी कुप्रथाओं जैसे हलाला, ट्रिपल तलाक तथा बहुविवाह का विरोध निदा खान काफी समय से कर रही थीं। इसके बाद हालही में दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता की और से उन पर एक फतवा जारी कर दिया गया है। फतवे में यह कहा गया है की वे अल्लाह के कानून की मुखालफत कर रहीं हैं। अतः उनको इस्लाम से ख़ारिज किया जा रहा है।
मौत होने पर कब्रिस्तान में नहीं मिलेगी जगह –
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इस बारे में इमाम मुफ़्ती खुर्शीद आलम का कहना है की “कुरआन में हलाला का जिक्र है अतः निदा द्वारा की गई बातें अल्लाह के कानून के विपरीत हैं और उनको माफ़ी मांगनी चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करती हैं तो उनके साथ कोई व्यक्ति संबंध न रखें साथ ही उनसे कोई दुआ सलाम न करें। आगे इमाम मुफ़्ती खुर्शीद का कहते हैं की निदा का हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। ऐसे में यदि कोई उनसे संबंध रखता है और उनकी सहायता करता है तो उसको भी इस्लाम से ख़ारिज किया जायेगा। यदि निदा बीमार हो जाए तो कोई उसकी दवा न करें और उनके जनाजे पर नवाज पढ़ने से भी रोक लगा दी गई है। इसके अलावा निदा के इंतकाल के बाद उनको कब्रिस्तान में दफ़न करने पर भी रोक लगा दी गई है।” इस पुरे प्रकरण पर निदा खान ने भी अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है की “भारत एक लोकतान्त्रिक देश है। ये लोग कौन होते हैं मुझे इस्लाम से ख़ारिज करने वाले। ये लोग सिर्फ अपनी राजनीति को चमका रहें हैं। इन लोगों को चाहिए की पहले ये शरीयत के कानूनों को अपने घर पर लागू करें। भारत में 2 कानून एक साथ नहीं चलेंगे। फतवा जारी करने वाले लोगों को चाहिए की वे पाकिस्तान चले जाएं।”
आखिर कौन हैं निदा खान –
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आपको बता दें की निदा खान “आला हजरत खानदान” की बहु हैं। इनका निकाह 16 जुलाई, 2015 को उसमान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से हुआ था। अंजुम मियां, मौलाना तौकीर रजा खां के सगे भाई हैं। शीरान रजा खां ने 5 फरवरी 2016 को निदा खान को ट्रिपल तलाक देकर घर से बाहर निकाल दिया था। उस समय से निदा खान ट्रिपल तलाक, बहुविवाह तथा हलाला जैसी कुप्रथाओं की खुले में मुखालफत करती आ रहीं हैं। इसी क्रम में उन पर दरगाह आला हजरत की और से फतवा जारी कर उनका हुक्का पानी बंद कर दिया गया है। हालांकि फतवे में उनका नाम निदा खान के स्थान पर हिदा खान लिखा गया है।