गाय को सभी जीवों में सबसे समझदार माना गया है। हाल ही में यह बात उस समय सच भी साबित हुई, जब गाय ने बच्चों का अपहरण होने से बचा लिया। आपको बता दें की यह मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई क्षेत्र से सामने आया है। यहां एक व्यक्ति के घर की गायें जहां अब तक उसकी आजीविका चलाने का जरिया थीं वहीँ वे अब उसके घर के चिराग को बचाने का आधार बन गई है। भिलाई क्षेत्र के जुनवानी निवासी सुनार यादव अपने घर में खटाल का कार्य करते हैं। सुनार यादव की बेटी कविता अपने एक वर्षीय बेटे तुलसी के साथ अपने मायके में निवास करती है।
गायों ने बचाई बच्चे की जान –
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बीते सोमवार की रात कविता अपनी बहन अनीता तथा बेटे तुलसी के साथ सोई हुई थी। तभी रात के करीब 2 बजे सुनार यादव के घर के छज्जे से एक चोर घर के अंदर आ गया। चोर घर के अंदर पंहुचा तथा उसने कविता एक वर्षीय बेटे तुलसी को उठा लिया और उसे लेकर बाहर आने लगा। जब चोर बारामदे में पहुंचा तो उसको देख कर वहां बंधी गायें रम्भाने लगी। देर रात गायों के तेजी से रंभाने पर घर के सभी लोग जाग गए तथा घर में शोर मच गया। यह इत्तेफाक ही था कि कविता के पिता सुनार यादव तथा भाई नीलकंठ यादव सांड को भगाने के लिए बाहर गए हुए थे। जब इन लोगों ने शोर को सुना तो ये लोग घर की ओर दौर पड़े। उस समय तक चोर बच्चे को लेकर दीवार पार गया था लेकिन इन दोनों पिता बेटे ने चोर को दीवार के बाहर ही पकड़ लिया। इसके बाद शोर होने पर आसपास के लोग भी अपने घरों से निकल आये तथा सभी ने चोर की अच्छे से धुनाई कर दी।
पुलिस ने नहीं की कार्यवाही –
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चोर को पुलिस के हवाले करने के लिए उसे सभी लोग स्मृति नगर चौंकी ले गए, लेकिन वहां से उन्हें जेवरा सिरसा चेकी भेज दिया गया। वहां जब पुलिस ने जब चोर से बातचीत की तो पता लगा कि वह उड़िया भाषा में बोल रहा था। इसके बाद एक उड़िया भाषा के जानकार पुलिसकर्मी को वहां बुलाया गया। पुलिसकर्मी ने बताया कि उसकी मानसिक स्थिति सही नही है। पुलिस ने मानसिक स्थिति सही न होने के कारण शाम को उस अपराधी को छोड़ दिया।