उज्जैन का महाकुंभ मेला हमारे देश में ही क्या विदेशों में भी आस्था का बड़ा केन्द्र माना जाता है। जहां पर अपने पापों को धोकर पुण्य कमाने के लिये दूर देश के श्रद्धालुओं के साथ बड़े-बड़े साधू-संतों और महात्माओं का जमावड़ा लगता है। वहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि काफी संख्या में चोर और जेबकतरे भी इस मेले में गलत कामों के अंजाम देने के लिये पहुंच चुके हैं। एक ओर साधू-संत महात्मा जहां पुण्य कमाने में लगे है तो दूसरी ओर बाहर से आये चोरों का गिरोह श्रद्धालुओं और संतों का सामान चुरा कर अपनी जेब भारी करने में लगा हुआ है। आपको बता दें कि इस काम को अंजाम देने के लिये उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का एक पूरा गांव यहां पहुंचा है, जो उज्जैन के इस महाकुंभ के मेले में आये लोगों की जेब हल्की कर अपनी जेब भारी करने में लगा हुआ है।
हाल ही में भोपाल जीआरपी की पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर लगी भीड़ के बीच से 4 ऐसे लोगों को पकड़ लिया जो लुंगी पहनकर चोरी करने में जुटे हुए थे। जब इन चारों चोरों से कड़ी पूछताछ की गई तो इन चोरों ने उ.प्र. के गोंडा जिले से संबंधित और लोगों के विषय में भी बताया। बताया कि इनके गांव से आये अधिकतर लोग कुंभ के मेले चोरी करने के उदेद्शय से ही यहां पर आये हैं। और कुछ लोग भोपाल और इंदौर इस काम को अंजाम देने में लगे हैं।
रामबाबू, मुन्ना, त्रिलोकी और अर्जुन नाम के चोरों के अनुसार इनके गिरोह में इन्हीं के गांव की कुछ महिलायें भी शामिल हैं। यो लोग लुंगी पहनकर चोरी करते हैं जिससे इन्हें चोरी किया हुआ समान को छुपाने में असानी होती है।
पुलिस ने इन लोगों के पास से 10 लाख से भी अधिक नकदी, जेवर, और कीमती समान बदामद किये। ये लोग साधू, पंडितो का रूप धारण कर नदियों के घाटों के किनारों पर पर घूमते हैं फिर मौका लगते ही नहा रहे श्रद्धालुओं के कपड़े व सामान उठाकर ले जाते है। कई चोरों ने तो संत महात्माओं के डेरों को भी नहीं छोड़ा। इस काम में लगे यूपी के चोर अपने घर के प्रत्येक सदस्य को इस चोरी के काम में लगाकर अपनी जेब भर रहे हैं। इसमें उनके छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल हैं। आपको बता दें कि
इसके अलावा अभी कुछ समय पहले भी उज्जैन में चोरी करने वालों में 50 से ज्यादा लोग पकड़े गये थे। जो साधुओं का वेश धारण कर चोरी कर रहे थे।