दादी और नानी के घरों से हमारे लिए बचपन में खूब लड्डू आया करते थे। इन लड्डुओं का एक अलग ही स्वाद होता था। स्वाद से ज्यादा इस लड्डू में कुछ स्वास्थ्य संबंधी गुण भी होते थे। जिनके कारण ही ये लड्डू हमारे लिए भेजे जाते थे। अब भी ये लड्डू सर्दी होते ही हमारे घर में आ जाते हैं। आज हम इन्हीं लड्डुओं के बारे में बात कर रहे हैं कि यह हर उम्र के लोगों के लिए किस तरह फायदेमंद है।
महिलाओं के लिए-
ये लड्डू महिलाओं के लिए काफी लाभदायक होता है। संतान उत्पत्ति के बाद महिलाओं के शरीर में कमजोरी आ जाती है। गेंहू का आटा, सुपारी, घी, शतावरी, कमरकस, गोंद, जायफल, लाजवन्ती, बूरा, सोंठ, बादाम और मखाने मिलाकर ये लड्डू तैयार किए जाते हैं। इन लड्डूओं को सुबह, शाम दूध के साथ लेना चाहिए। इससे शरीर की कमजोरी दूर होती है।
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वृद्धजनों के लिए-
सर्दियां आते ही बुजुर्गों के हाथ पैरो में दर्द होना शुरू हो जाता है। खासकर बुजुर्गों को हड्डियों में दर्द होने लगता है। इनके लिए गेंहू का आटा, बूरा, हल्दी, देसी घी, अश्वगंधा, मेथी दाना और मुलेठी के लड्डू तैयार किए जाते हैं। इससे हड्डियों का दर्द दूर होता है और शरीर के अन्य दर्दों में भी राहत मिलती है।
बच्चों के लिए-
बच्चों को शारीरिक और मानसिक दोनों ही विकास की जरूरत होती है। इसलिए बच्चों को सभी पोषक तत्व दिए जाने चाहिए। बच्चों के लिए कौंच के लड्डू बनाने चाहिए। इसके लिए आपको देसी घी, कौंच बीज, अश्वगंधा, गेंहू का आटा, कालीमिर्च, लौंग, जावित्री, बूरा और जायफल मिलाकर बनाकर लड्डू तैयार करना चाहिए।
पाचनतंत्र व दिमाग के लिए-
पाचन तंत्र और दिमाग को ठीक रखने के लिए एलोवेरो का लड्डू तैयार करना चाहिए। इसके लिए आपको देसी घी, गेहूं का आटा, ग्वारपाठा (एलोवेरा), कालीमिर्च, हल्दी, मुलेठी, पीपल, सौंफ और बूरा को मिलाकर लड्डू तैयार किए जाते हैं। यह पाचनतंत्र और हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है।
ये सभी लड्डू सर्दियों में हमारे शरीर को रोगों से बचाते हैं। साथ ही हमारे शरीर में सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करते हैं। जिससे रोग जल्दी नहीं होते। वहीं, इन लड्डुओं को अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए। ज्यादा खा लेने से यह शरीर के पाचन तंत्र को खराब भी कर सकते हैं। इसलिए इन्हें सुबह, शाम एक-एक ही खाना चाहिए।