उत्तर प्रदेश में मदरसों को सरकारी सहायता प्रदान की जाती है ताकि इसमें पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी तालीम मिल सके, लेकिन प्रदेश में कई मदरसे ऐसे हैं जो बिना किसी इमारत और कक्षाओं के ही चल रहे हैं। बागपत में एक जांच के दौरान ऐसे ही कई फर्जी मदरसों की पहचान हुई है, जो बिना किसी इमारत के केवल कागजों पर ही चल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में मदरसों की आड़ में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। जनपद बागपत में करीब 21 मदरसों की शिकायत मिलने पर जांच की गई। इस जांच में केवल बड़ौत इलाके से ही करीब सात मदरसे फर्जी पाए गए हैं। फिलहाल इन मदरसों की मान्यता को समाप्त कर दिया गया है। वहीं बाकी के 14 मदरसों की अभी जांच चल ही रही है।
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इस जांच टीम के अधिकारियों के अनुसार टीम ने जब शासन से भेजी गई सूची के अनुसार मदरसों पर जाकर देखा तो हकीकत देखकर सभी हैरान रह गए। ग्राम गूंगाखेड़ी में मदर टेरेसा नाम वाला मदरसा तो था ही नहीं। बाकी अन्य मदरसों की जांच में भी कोई कक्षा मिली ही नहीं, जबकि इन मदरसों के नाम पर शासन से वर्ष 2010 से ही आधुनिकरण योजना के तहत बजट आ रहा है। इसके अलावा शिक्षकों के अलावा छात्रों के लिए वजीफा भी आ रहा है।
इन मदरसों को फर्जी पत्रांक के आधार पर मान्यता दी गई है, जबकि कार्यालयों से न तो मान्यता जारी हुई है न ही इसका कोई रिकॉर्ड है, लेकिन फिर भी शासन की जेब पर ये मदरसे डाका डाल रहे थे।
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अब इन मदरसों के संचालकों पर अधिकारी कार्यवाही करने की तैयारी कर रहे हैं। साथ ही इस घोटाले में शामिल अधिकारियों पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है। फिलहाल बाकी 14 मदरसों की जांच चल रही है।