भले ही हम सब ने मिल कर नए साल का जश्न बड़ी धूम-धाम और ख़ुशी के साथ मनाया हो, लेकिन जिस तरह से पिछला महीना बीता है उसे देखकर यह साफ़ है कि आतंकवाद और नफरत की जड़ें इस साल भी अपनी पकड़ बनाएं हुए हैं। दुनिया का कोई ऐसा हिस्सा नहीं है जहां आतंक ने अपने पैर ना पसारे हों।
ISIS ने इस साल भी अपना खौफ पहले की तरह ही बरकरार रखा है। इसके अलावा अभी तक इस साल कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिनके बारे में हमने सुना तो है, लेकिन आजकल शायद ISIS के मचाए गए आतंक और खौफ की घटनाओं के सिवाय कोई और खबर ज्यादा चर्चा में रहती ही नहीं। इसलिए हम आपका ध्यान जनवरी की कुछ ऐसी दुखद घटनाओं की तरफ कराना चाहते हैं, जिन्होंने इस पूरे महीने दुनिया में हलचल मचा कर रख दी –
इस साल सऊदी अरब में ईरानी धर्मगुरु को फांसी की सजा दिए जाने से सऊदी अरब में काफी बवाल मचा। इस वजह से सऊदी अरब में कई जगह दंगे भी हुए। इस घटना से पूरी दुनिया का शिया समुदाय भड़का हुआ था। दोनों देशों के बीच इस वजह से आपसी रिश्ते काफी ख़राब हो चुके हैं और तनाव का मौहाल बना हुआ है।
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भारत में इस साल पठानकोट में आर्मी के बेस कैंप पर आतंकी हमला हुआ। जिससे देश में खौफ का माहौल बन गया।
पाकिस्तान के पेशावर में स्थित बाचा खान यूनिवर्सिटी में हुए आतंकी हमलों में कई मासूम छात्रों की जान गई। इस हादसे में 20 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई।
अफ्रीका के एक देश बुर्किना फासो में यहां की राजधानी के एक बड़े होटल को आतंकियों ने अपना निशाना बनाया, जिसमें 22 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इतना ही नहीं आतंकियों ने यहां के कैफे और होटल में कई लोगों को बंधक भी बनाया।
अमेरिका में बर्फीले तूफ़ान से पूरे देश में तबाही की स्थिति पैदा हो गई, इस भयंकर बर्फ़बारी में करीब 30 लोगों ने अपनी जान गंवाई।
अफ़ग़निस्तान में एक के बाद एक कई बॉम्ब ब्लास्ट हुए।
इण्डोनेशिया में भी आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया गया। यहां के यूएन ऑफिस को निशाना बनाकर आईएस के आतंकवादियों ने एक और आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। इसके आलावा यहां की राजधानी जकार्ता में हुई गोलीबारी और विस्फोट में करीब छह लोगों की मौत हुई।
लैटिन अमेरिका के देशों में जानलेवा जीका वायरस का कहर देखा गया। यह वायरस अब इंसानी ज़िन्दगी का एक नया दुश्मन बनकर उभरा है।