हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का बहुत महत्त्व हैं यदि आप भी इसका पूरा लाभ लेना चाहते हैं तो इस आलेख की जरुरी बातें हमेशा ध्यान रखें। जी हां, आज हम आपको न सिर्फ इसके बारे में बताएंगे बल्कि उसको धारण करने से सम्बंधित कुछ जरुरी बातें आपको बता रहें हैं ताकि आपको उसका पूरा लाभ मिल सके। माना जाता हैं कि यह भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं। आप बाजार में कई प्रकार के रुद्राक्ष देख सकते हैं लेकिन इन सभी में पांच मुखी रुद्राक्ष सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता हैं।
इसका महत्त्व व लाभ भी सभी से ज्यादा होता हैं। आमतौर पर कोई भी इसे पहन सकता हैं, पर इसको पहनने में कई जरुरी बातों को ध्यान रखना पड़ता हैं। तभी आप इसका पूरा लाभ पा सकते हैं। आइये अब आपको विस्तार से बताते हैं इसे धारण करने की विधि।
पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने की विधि –
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सबसे पहले आप किसी भी सोमवार को शिव मंदिर में जाए। यहां पर आप मंदिर के ब्राह्मण के हाथ से रुद्राक्ष लें और उसका पूजन कर उसको जाग्रत कराये। इसके बाद आप इसको अपनी भुजा अथवा गले में धारण कर लें। वैसे तो इसको हर समय पहना जा सकता हैं पर क्योंकि यह उच्च ऊर्जा का संवाहक होता हैं इसलिए बहुत से लोग किसी के दाह संस्कार या बच्चे के जन्म लेने पर इसको उतार देते हैं।
रुद्राक्ष धारण करने पर रखें ये सावधानियां –
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बहुत से लोग इसे कभी कभी ही धारण करते हैं। यदि आप भी ऐसा ही करते हैं तो कई दिन इसको पूजन के स्थान पर एक छोटे डब्बे में डाल कर रख दें। बाजार से जब भी आप इसे खरीदे अपनी मेहनत के पैसे से ही खरीदे। इसको खरीदने के लिए कभी उधार न करें। यदि आप प्रतिदिन इसको पहनते हैं तो आप शराब तथा मांस का सेवन न करें। रुद्राक्ष के आकार को देख कर कभी भ्रमित न हों बल्कि यह देखें की उसके कितने मुख हैं तथा उसमें कोई दरार तो नहीं हैं। इस प्रकार इन बातों को ध्यान में रख कर आप इसको धारण कर उसका पूरा लाभ ले सकेंगे।