यहां अपना स्वरूप बदलकर भक्तों की मन्नत पूरी करने का संकेत देती है मां

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हमारे देश के लोगों की श्रद्धा ईश्वरीय शक्ति से काफी जुड़ी रहती है और दैवीय भक्ति से लीन होकर प्रत्येक श्रद्धालु लाखों की संख्या में अपने भगवान को पाने की इच्छा से मंदिरों में दौड़े चले आते है और जब उनकी श्रद्धा चमत्कार में बदल जाती है, तो उनका विश्वास उस मंदिर के प्रति अडिग हो जाता है। इसी प्रकार से जीता जागता उदाहरण देखने को मिला है, कानपुर शहर के किद्वई नगर में, जहां पर जंगलों के बीच बने मां के मंदिर में हजारों की संख्या में देश विदेश से लोग एकत्रित होकर मां के दर्शन के लिए आते है। इस मंदिर के चमत्कारों को जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान।

बताया जाता है कि इस मंदिर में जो भक्त मां के सामने खड़े होकर अपनी मुराद मांगता है, तो मां उस भक्त की मनोकामना को पूरा करने का संकेत अपने स्वरूप को बदलकर देती है। जिससे वहां के खड़े लोग समझ जाते है कि मां ने उनकी प्रार्थना को कबूल कर लिया है और यदि उनका स्वरूप नहीं बदलता, तो भक्त समझ जाते हैं कि उस काम में मां की इच्छा नही है।

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इस मंदिर में मां की प्रतिमा के चेहरे का रंग सफेद से गुलाबी होना अपने आप में बहुत बड़ा प्रश्न बना हुआ है, अपने भक्तों की मनोकामना को स्वीकार करते ही मां का स्वरूप सफेद से गुलाबी रूप धारण कर लेता है और मां के चेहरे का रंग बदलते ही उनकी मनोकामना भी पूरी हो जाती है। हजारों सालों से पूजे जाने वाले इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था भी काफी समय से जुड़ी हुई है।

कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 838 ईसवी में राजा भोज के द्वारा करवाया गया था। जिस समय यह मंदिर बना था, उस समय चारों ओर घना जगंल था। मंदिर के समीप एक बहुत बड़ा तालाब था, जंगली जानवर अपनी प्यास बुझाने के इस तालाब में आते थे, लेकिन अचानक यहां के पेड़ पोधों के सूखने के साथ ही तलाब का पानी भी सूख गया। जिससे सभी लोग चिंतित हो गए है। तब इस मंदिर पर जाकर भक्तों ने मां से गुहार लगाई और तब भक्तों को चिंता में खड़े देख मां ने तुरंत अपना स्वरूप बदलकर सभी भक्तों की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए उनकी बात मान ली, तब से लेकर आज तक लोगों कि वही आस्था और विश्वास से मंदिर से जुड़ा हुआ है। आज के समय में यह मंदिर हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों के लोगों में भी अपने मानयता को बनाए हुए है।

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