जोश में होश खोकर प्रेमी जोड़ों ने एक बार फिर मौत को लगाया गले

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अक्सर ऐसा देखने में आता है कि युवा अपने मूल कर्तव्यों को छोड़ कर जोश में होश खो बैठते हैं। वे अलग-अलग कारणों से किसी न किसी रूप में भटक जाते हैं और इस बात को सिद्ध करना आज के समय में कोई बड़ी बात नहीं है। आज तक ऐसी बहुत सी घटनाएं हुई हैं जिनके कारण समाज को किसी न किसी रूप में देश की भावी पीढ़ी को खोना पड़ता है। इसके लिए कुछ लोग इन युवाओं के जोश को जिम्मेदार ठहराते हैं तो कुछ समाज की बंदिशों को। हाल ही में ऐसे दो केस फिर से सामने आए हैं, जिन्होंने एक बार फिर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।

क्या है पूरा मामला –

article-1349551-0CDC8CC2000005DC-158_634x418Image Source :http://i.dailymail.co.uk/

केस 1 –

यह मामला है दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारिका के पास के शाहबाद रेलवे स्टेशन का। मंगलवार सुबह करीब 7 बजे इस स्टेशन पर एक लड़की और लड़का ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही ट्रेन आई दोनों उसके आगे कूद गये। ट्रेन तो जिस रफ्तार में आई थी वैसे ही आगे चली गई, लेकिन स्टेशन पर खड़े ये युवक-युवती अब इस दुनिया में नहीं रहे।
डीसीपी मिलिंद कुमार के अनुसार अभी दोनों में से किसी की भी शिनाख्त नहीं हो पाई है। लड़की की उम्र करीब 19 साल और लड़के की उम्र 22 साल बताई जा रही है। पुलिस इस केस को प्रेम प्रसंग से जोड़ कर देख रही है, पर पूरा खुलासा तो जांच के बाद ही हो पाएगा।

केस 2-

train-tracksImage Source :https://lintvwiat.files.wordpress.com/

यह दूसरा मामला राजस्थान के रेवाड़ी का है। यहां के रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नं 1 पर यात्री ट्रेन आने का इंतजार कर रहे थे। ट्रेन जैसे ही स्टेशन के करीब आई वहां खड़े एक लड़का और लड़की अचानक सामने से आती हुई ट्रेन की ओर तेजी से दौड़ने लगे। ट्रेन के करीब आते ही लड़की उसके आगे कूद गई और उसकी मौत मौके पर ही हो गई, पर लड़का शायद मौत को देख जीवन और प्यार के अंतर को समझ चुका था। इसलिए वह वापस पीछे की ओर हट गया। स्टेशन पर खड़े बहुत से लोगों ने इस सारे प्रकरण को देखा। इन लोगों ने फौरन लड़के को पकड़ कर उसे जीआरपी के हवाले कर दिया। पुलिस ने लड़की के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज कर लड़के को हिरासत में ले लिया है। ये दोनों लड़का व लड़की कोटपुतली नामक स्थान के बताये जा रहे हैं। पुलिस फिलहाल लड़के से पूछताछ कर रही है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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