जैसा की आप जानते ही होंगे की हाल ही में दिल्ली के इण्डिया गेट पर “वर्ल्ड फ़ूड फेस्टिवल” का आयोजन किया गया था। इस फेस्टिवल में बाबा रामदेव सहित मशहूर शेफ संजीव कपूर सहित 50 लोगों की टीम ने 918 किलों खिचड़ी बनाई थी। इस आयोजन को देश में हर चैनल पर दिखाया गया और हर पेपर में इसके बारे में लिखा गया।
कुल मिलाकर बाबा रामदेव और संजीव कपूर का फ्री में इतना बड़ा प्रमोशन हो गया जितना वे साल भर में पैसा खर्च करके भी करा नही पाते। खैर इस आयोजन से अगर किसी को फायदा हुआ हैं तो वे हैं गरीब बच्चे जिनको ये खिचड़ी खिलाई गई। अब देश के कुछ बुद्दिजीवियों ने इस आयोजन की तर्ज पर एक और विश्वस्तरीय आयोजन करने की सोची हैं।
इस आयोजन की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि इसका फायदा वर्ल्ड फूड फेस्टिवल की तरह कुछ बच्चों तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसका फायदा भी विश्व स्तरीय ही होगा। जिससे देश दुनिया के करोड़ों लोग लाभांवित हो सके। आइये आप आपको विस्तार से बताते हैं इस आयोजन और इसकी रूपरेखा के बारे में।
शुरुआत “वर्ल्ड घूस फेस्टिवल” की –
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आपको सबसे पहले बता दें कि इस आयोजन का नाम “वर्ल्ड घूस फेस्टिवल” होगा। यह आयोजन वर्ल्ड फ़ूड फेस्टिवल की ही तरह दिल्ली में मनाया जायेगा। अभी तक इस आयोजन को मनाने का स्थान तय नहीं हुआ हैं, पर आयोजको में से एक “घुसणमल चौरसिया” का मानना हैं कि “इस प्रोग्राम के लिए यदि सीएम केजरीवाल के ऑफिस के सामने की जगह मिल जाये तो इससे अच्छी कोई बात नहीं होगी, क्योंकि घूस लेने और देने में ईमानदारी बहुत महत्वपूर्ण तत्व हैं और अपनी दिल्ली के सीएम केजरीवाल जी से ज्यादा ईमानदार इस देश में तो क्या दुनिया में कोई नहीं मिल सकता। इस बात को सब लोग जानते ही हैं सो उनके ऑफिस के सामने उनके आशीर्वाद के तले यह प्रोग्राम अच्छे से सफल होगा।”
बताया जा रहा हैं कि इस आयोजन में देश दुनिया के बहुत से घूसखोर लोगों का आना होगा। यहां आकर ये लोग अपने अपने देश में घूस लेने के भिन्न भिन्न तरीकों को सार्वजानिक तौर पर बताएँगे। प्रोग्राम के आयोजकों का कहना हैं कि इससे सारे विश्व के लोगों को एक ही मंच पर लाकर घूस लेने के विश्व स्तरीय तरीको का पता लगाया जाएगा। इससे दुनिया के अन्य लोगों को बहुत लाभ होगा।
आयोजक मेंबर घुसणमल चौरसिया ने आगे बताया कि “भारत के दिल दिल्ली में यह आयोजन किया जा रहा हैं और इसकी मेजबानी भी भारत ही कर रहा हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो भारत का नाम विश्व के कोने कोने में पहुंच जायेगा और यह कार्य फिर से भारत को विश्व गुरु के पद पर आसीन कराने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।” अब देखना यह हैं कि वर्ल्ड फ़ूड फेस्टिवल की तरह “वर्ल्ड घूस फेस्टिवल” हिट हो पाता हैं या नहीं।
विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना हैं। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं हैं। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक हैं। अगर इससे कोई आहत होता हैं तो हमें बेहद खेद हैं।