स्वास्थ्य – ये 2 फल आपको बचा सकते हैं सिगरेट पीने से होने वाले नुकसान से, जानिए इनके बारे में

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वर्तमान समय में बहुत से लोग सिगरेट का सेवन करते हैं। सिगरेट से सांस की बीमारियों से लेकर फेफड़ों का कैंसर तक हो जाता है। आज भी बहुत से लोग सिर्फ तंबाकू सेवन के चलते कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहें हैं। तंबाकू का सेवन यदि आप किसी भी रूप में करते हैं तो उसका आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर ही पड़ता है। जहां तक बात सिगरेट की है तो इस प्रकार धूम्रपान से सबसे पहले आपके फेफड़े प्रभावित होते हैं। सिगरेट के सेवन से फेफड़ों में कई प्रकार की बीमारियां पैदा हो जाती हैं।

यदि आप भी सिगरेट पीते हैं और अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उसको छोड़ना चाहते हैं तो यह एक अच्छा कार्य कहा जा सकता है, मगर सवाल यह है कि जो हानि आपके शरीर को अब तक हो चुकी है, उसकी पूर्ति आखिर किस प्रकार से की जाए। इसके लिए आज हम आपको एक उपाय बता रहें हैं जिसको आप आसानी से अपनाकर सिगरेट से हुई अब तक की हानि की पूर्ति कर सकते हैं।

ताजा फल तथा टमाटर करते हैं हानि की पूर्ति –

These 2 fruits can overcome the harmful effects of smokingimage source:

यदि आप अपने शरीर में सिगरेट से हुई हानि की पूर्ति करना चाहते हैं तो आप प्रतिदिन कोई एक ताजा फल तथा 2 टमाटर का सेवन जरूर करें। ऐसा करने से आपके शरीर की हानि की पूर्ति होनी शुरू हो जाएगी। वर्तमान में इस तथ्य के ऊपर रिसर्च भी की गई है। इस रिसर्च में यह पाया गया है कि यदि कोई व्यक्ति सिगरेट छोड़ कर ताजे फलों तथा टमाटर का सेवन करना शुरू कर देता हैं तो उनके फेफड़ों की कार्य प्रणाली में हुई गिरावट धीरे धीरे कम होने लगती है। प्रोफेसर वानेशा गारेसिया-लार्सन ने इस रिसर्च के रिजल्ट को बताते हुए कहा कि ” फलों तथा टमाटरों से युक्त भोजन उन लोगों के फेफड़ों की हानि की पूर्ति कर देता है जो सिगरेट पीना छोड़ देते हैं।

इस रिसर्च में यह भी पता लगा की फलों को भोजन में शामिल करने से प्राकृतिक रूप से फेफड़ों में आये बुढ़ापे की दर भी कम हो जाती है तथा फेफड़े अधिक समय तक अच्छे और स्वस्थ रहते हैं।” इस प्रकार से यह पता लगता है कि यदि आप सिगरेट को छोड़ कर अपने भोजन में टमाटर तथा ताजा फलों को शामिल कर लेते हैं तो आप अपने शरीर में सिगरेट के कारण हुई अब तक की हानि की पूर्ति कर स्वस्थ रह सकते हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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