ओवर-कांफिडेंस कभी भी अच्छा नहीं होता है। हाल ही में गुजरात के कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कुछ ऐसा हुआ कि आप हैरान रह जायेंगे। दरअसल गुजरात के एक कांग्रेस नेता के फार्म हाउस पर पुलिस ने छापा मार कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर यह आरोप है कि ये लोग जीत के जश्न की तैयारी में जुटे थे। इन लोगों को पूरा विश्वास था कि गुजरात में कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में जरूर जीतेगी और राहुल गुजरात में आलू की फैक्ट्री जरूर लगवाएंगे जिसके कारण वहां चारों और किसानों को रोजगार मुहैय्या होगा। पुलिस ने जब फार्म हाउस पर छापा मारा तो वहां से पुलिस को पठाखे, गुलाल, राहुल गांधी एक कट आउट जैसी चीजें मिली। इन चीजों को देख कर पुलिस अधिकारियों को और भी ज्यादा गुस्सा आ गया और उन्होंने तुरंत सभी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया।
Image Source:
गिरफ्तार हुए कार्यकर्ताओं के मुखिया जिग्नेश लालवानी ने कहा कि हमने राहुल जी से आमने सामने बात की थी। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि “मैं गुजरात विजय के बाद यहां अपनी सोना बनाने वाली मशीन लगाऊंगा। जिसमें किसान एक और से आलू डालेंगे और दूसरी और से सोना निकलेगा। इसके बाद मैं यहां की बेरोजगारी खत्म करने के लिए एक नई मशीन लगाऊंगा। जिसमें यदि एक और गधा भी घुस जाएगा तो दूसरी और वह नेता बन कर निकलेगा। इस प्रकार कुछ ही दिन में गुजरात एक सफल और विकसित राज्य बनेगा” कार्यकताओं का कहना है कि राहुल जी की बात कभी गलत साबित नहीं होती है इसलिए एक्जिट पोल क्या कह रहा है इस बात पर हम ध्यान नहीं दे रहें हैं बल्कि अपनी जीत के जश्न की तैयारी में लगे थे। दूसरी और पुलिस वालों का कहना है कि “हम लोग इस बात का पता लगा रहें हैं कि इन लोगों में इतना ज्यादा -कांफिडेंस आखिर आया कहां से हैं क्योंकि इतना ज्यादा कांफिडेंस तो मोदी जी में भी आज तक नहीं देखा गया है।” अब देखना यह है कि क्या वाकई राहुल गांधी की गुजरात विजय की बात सही निकलती है या नहीं और यदि कोंग्रस विजयी होती है तो क्या वे आलू से सोना और नेता बनाने वाली फैक्ट्री वहां लगाते हैं या नहीं ?
विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना हैं। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं हैं। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक हैं। अगर इससे कोई आहत होता हैं तो हमें बेहद खेद हैं।