यह बात भी सही है कि पानी कैसे एक्सपायर हो सकता है। जल तो हमारे जीवन का सबसे अहम हिस्सा है। इसके बिना तो मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आज जब हम दूसरे गृहों पर जीवन की तलाश करते हैं तो सबसे पहले वहां पर पानी की ही तलाश करते हैं। अब सवाल यह है कि जब पानी एक्सपायर नहीं होता तो फिर पानी की बोतलों पर एक्सपायरी डेट क्यों लिखी जाती है। हम आपको बता दें कि इसके पीछे कई अन्य वजहें होती हैं।
बोतल वाले पानी पर एक्सपायरी डेट क्यों लिखी जाती है यह एक बड़ा प्रश्न है। इस प्रश्न के पीछे कई सारी वजहें हैं, जिन्हें आज हम बताने जा रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है बोतल की पैकिंग में खराबी आ जाना। सही तापमान न मिल पाना और लंबे समय तक गाड़ी आदि में रखे रहना। इन सभी स्थितियों के कारण ही पानी की बोतलों पर एक्सपायरी डेट को लिखा जाता है।
पैकिंग में आने वाली समस्याएं-
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पानी सभी मौसम में अपनी गुणवत्ता को बनाए रखता है। इस कारण ही पानी को हमेशा शुद्ध माना जाता है। आपको बता दें कि अगर पानी की भी एक्सपायरी होती तो हमारे हजारों वर्षों पूर्व की नदियों का पानी कितना समय पहले ही एक्सपायर हो चुका होता। दरअसल पानी की गुणवत्ता को उसकी पैकिंग खराब कर देती है। बोतल की खराबी के कारण ही इसमें बेस्ट बिफोर डेट को लिखा जाता है।
सही तापमान न मिलना-
पानी की बोतलों को एक सही तापमान की भी जरूरत पड़ती है। पानी को अलग-अलग जगहों पर रखने से उसके तापमान में बदलाव आता है। जिसके कारण पानी में मिलने वाले कई तत्वों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इन बोतलों को धूप में सीधे ही रख दिया जाता है। ज्यादा देर तक व तेज धूप में लंबे समय तक रखे रहने से बोतल का प्लास्टिक प्रभावित होता है और वह पानी में आ जाता है। इस तरह के पानी से कई सारी बीमारियां भी होने का खतरा बना रहता है।
गाड़ियों में लंबे समय तक रखे रहना-
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गाड़ियों में भी यह बोतल बंद पानी सीधे तेज धूप, तो कभी एसी की हवा में आकर अपना तापमान बदलता रहता है। इस पानी को तेज गंध वाली दवा के पास भी नहीं रखना चाहिए। इससे भी पानी की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है। इस कारण ही कंपनियां अपनी पानी की बोतलों पर बेस्ट बिफोर को अंकित करती हैं और एक्सपायरी डेट लिखती हैं ताकि इस समय के बाद इस्तेमाल किए हुए पानी से होने वाली समस्याओं के लिए वह जिम्मेदार नहीं होंगे।