आपने बहुत से वकील और डॉक्टर को देखा ही होगा, जो अपने प्रोफेशन के अनुसार सफ़ेद और काला कोट पहनते हैं। क्या आपने कभी ये सोचा है कि एक वकील हमेशा काला और एक डॉक्टर हमेशा सफ़ेद कोट क्यों पहनते हैं। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि इन दोनों प्रोफेशन में ये दो अलग-अलग रंग के कोट क्यों होते हैं और क्या है इनकी मान्यता, आइये जानते हैं।
1- वकील –
Image Source:
आपने वकील के कोट या लबादे को तो देखा ही होगा जो कि काले रंग का ही होता है। असल में ये काले रंग के लबादे अंग्रजों के समय की अदालतों में चलते थे। इसी प्रकार के काले लबादे युरोप की अदालतों में न्यायाधीश और वकील भी पहनते हैं और इस प्रकार के लबादे कालेज आदि के दीक्षांत समारोहों में भी पहने जाते हैं। अपने यहां वकील भी ऊपर काला लबादा और नीचे सफ़ेद शर्ट व नेक टाई की जगह सफ़ेद पट्टी लगाते हैं। असल में वकील के इस काले कोट और सफेद शर्ट का रंग उनके कार्य की अन्तर्विरोधी प्रवृत्ति का प्रतीक माना जाता है। न्याय के प्रोफेशन से जुड़े लोगों को दो अलग-अलग धारणाओं में से सही व सत्य को चुनकर न्याय करना होता है। इसलिए वकील के काले कोट और सफ़ेद शर्ट दो विपरीत धारणाओं के प्रतीक कहलाते हैं। यह भी कहा जा सकता है कि वकील का काला कोट सुरक्षा दर्शाता है क्योंकि इसे पहनने के बाद वकील अपने मुवक्किल की क़ानूनी मामलों में सुरक्षित करता है।
2- डॉक्टर –
Image Source:
डॉक्टरों के सफेद कोट की शुरूआत लगभग 20वीं शताब्दी में हुई थी। यह रंग व्यक्ति की ईमानदारी और पवित्रता का प्रतीक है। इसके अलावा यह स्वच्छता का भी प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि दुनिया की सभी सभ्यताओं ने इस कलर को बहुत पवित्र माना है। इसलिए ही डॉक्टर भी सफ़ेद कोट पहन कर ही इलाज करते हैं।