हर महिला के मन में यह डर रहता है कि कहीं वह मोटी ना हो जाए। मोटापा कहीं उनकी खूबसूरती पर धब्बा न लगा दे। इसी मोटापे से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं अक्सर किसी न किसी जुगाड़ में लगी रहती हैं। बढ़ती उम्र के साथ-साथ हमारे शरीर में काफी बदलाव होते हैं। कुछ अच्छे तो कुछ बुरे भी, खासतौर पर तब जब महिला गर्भधारण के बाद बच्चे को जन्म देती है।
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गर्भावस्था के दौरान तो महिलाएं अपने बढ़ते हुए वजन का कुछ नहीं कर सकतीं, लेकिन बच्चे को जन्म देने के कुछ दिन के बाद से ही हर महिला यह प्लानिंग करने लगती है कि वह अपना वजन कम करके ही रहेगी, लेकिन होता है इसका उल्टा।
खासतौर पर बच्चे के जन्म के बाद या 30-35 साल की उम्र के बाद महिलाओं को मोटापा घेरने लगता है। महिलाएं खुद को आईने में देखकर कई बार सोच में पड़ जाती हैं कि मैं कैसी थी और क्या हो गई। शरीर में आ रहे इन बदलावों को देखकर वो कई बार परेशान भी हो जाती है। कई बार इस वजह से वो अपने पसंद के कपड़े नहीं पहन पाती तो उनमें हीनभावना आ जाती है और अपने शरीर की बदलती बनावट से वो खुद में ही शर्मिंदा महसूस करने लगती है।
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माना कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को होने वाले शिशु की अच्छी सेहत के लिए काफी सारे पौष्टिक आहार लेने पड़ते हैं। इनमें से कुछ तो लाइट फूड होते हैं, लेकिन ज्यादातर फैटी ही होते हैं। जब बात भारतीय परिवारों की हो तो गर्भवती महिला को खूब सारे घी से बने आहार ही दिए जाते हैं।
ऐसे में वजन तो बढ़ेगा ही… लेकिन खुद का ध्यान रखने वाली महिलाएं डिलीवरी के बाद वापस लाइट फूड लेना शुरू कर देती हैं। फिर भी वजन कम होता ही नहीं… ऐसा क्यों! अमूमन इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण उन महिलाओं की लापरवाही हो सकती है।
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अक्सर हम किसी बात का निश्चय तो कर लेते हैं, लेकिन उसे पूरा करने में आलस कर जाते हैं। शायद यही एक कारण है डिलीवरी के बाद वजन के लगातार बढ़ने का, लेकिन केवल यही एक कारण नहीं है। जैसा कि हमने पहले भी बताया कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के खाने-पीने की मात्रा में काफी इजाफा हो जाता है। विशेषज्ञों का भी यही मानना है कि ज्यादा खाने से भी महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा मात्रा में कैलोरी इनटेक करती हैं, जो कि वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है।
दूसरा कारण है प्रेग्नेंसी के बाद शरीर को ज्यादा आराम देने की आदत। यूं तो यह वह दौर होता है जब बच्चे को संभालते-संभालते महिलाएं इतना थक जाती हैं कि उन्हें आराम की जरूरत होती है, लेकिन कुछ महिलाएं खुद को आराम देने के चक्कर में कुछ ज्यादा ही सोती हैं। ऐसे में उनकी शारीरिक क्रियाएं कम हो जाती हैं जिससे धीरे-धीरे वजन बढ़ने लगता है। आप यह मत सोचें कि घर का काम करने से तो शारीरिक ऊर्जा की खपत होती है, लेकिन आपको बता दें कि नियमित रूप से व्यायाम करने और घरेलू काम करने में काफी फर्क होता है।
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वजन बढ़ने का अगला कारण कुछ ऐसा है जिसे चाहकर भी महिलाएं दूर नहीं पर पातीं। एक शोध के मुताबिक गर्भवती महिला तरह-तरह के बदलावों से गुजरती है और इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि उसे तनाव नहीं होता होगा। एक्सपर्ट्स ने यह भी साबित किया है कि तनाव से भी वजन बढ़ता है। ऐसे में तनाव लेना और हर वक्त सोच में डूबे रहना भी गर्भवती महिलाओं के वजन बढ़ने का प्रमुख कारण होता है।
अगला और आखिरी कारण है हाइपोथायरॉयड, जिसके कारण भी गर्भवती महिलाओं में मोटापा आ जाता है। साथ ही इस दौरान उन्हें कई तरह की दवाइयों का सेवन भी करना पड़ता है, जिसके चलते भी उनका शरीर प्रभावित होता है।
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ऐसे में अगर प्रेग्नेंसी के बाद कोई महिला इन 5 कारणों में से अगर कुछ पर भी नियंत्रण पा ले तो वाकई वह अपने वजन में कमी ला सकती है। नहीं तो ऐसी महिलाओं को ‘आंटी’ बनने से कोई नहीं रोक सकता…