रमजान में पिछले 26 वर्ष से रोजा रखता आ रहा है यह हिंदू शख्स

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रमजान

अपने देश में बहुत बड़ी संख्या में लोग एक दूसरे के धार्मिक त्योहारों में भाग लेकर भाईचारे की मिसाल कायम करते हैं। यही हमारे देश की खासियत भी है। इसी क्रम में आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति से मिलवा रहें हैं जो धर्म से तो हिंदू हैं पर पिछले 26 वर्ष से लगातार रोजा रखते आ रहा हैं। इनका नाम “रतन सिंह” है। रतन सिंह उत्तराखंड के लक्सर के बसेड़ी गांव के निवासी है और वे वर्तमान में 70 वर्ष के हैं। रतन सिंह से रोजा रखने के बारे में पूछने पर वे बताते हैं कि “पिछले 26 वर्ष से यह क्रम चल रहा है। उनका कहना है कि चाहे खुदा की इबादत हो भगवान का पूजन वह दोनों एक साथ चलते हैं। मैं नवरात्र में 9 दिन व्रत रखता हूं और रमजान के माह में रोजा भी रखता हूं। कोई भी धर्म आपस में वैर रखना नहीं सिखाता है।”

26 वर्ष से लगातार रख रहें हैं रोजा –

26 वर्ष से लगातार रख रहें हैं रोजाImage source:

रतन सिंह रेडीमेड गारमेंटस की दूकान चलाते हैं। वे चार बच्चों के पिता हैं। जिनमें 2 बेटे तथा 2 बेटियां हैं। सभी का विवाह भी हो चुका है। रतन सिंह बताते हैं कि उन्होंने 1992 में पहली बार रोजा रखा था। उस समय वे अपनी छोटी बेटी के लिए रिश्ता देखने में व्यस्त थे। छोटी बेटी सुनीता के लिए रिश्ता नहीं मिल पा रहा था। इस दौरान उन्होंने कई धार्मिक स्थानों पर भी मन्नत मांगी थी। मन्नत मांगने के लिए वे एक बार लक्सर के पास की एक दरगाह में भी गए थे। वहां के आलिम ने ही उनको रोजा रखने की सलाह दी थी। 1993 में जब रतन सिंह की लड़की का विवाह संपन्न हो गया तो उन्होंने लगातार रोजे रखना शुरू कर दिया। तब से अब तक रतन सिंह रमजान के पवित्र माह में रोजे रखते आ रहें हैं।

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हिंदू तथा मुस्लिम लोगों में फैला भाईचारे का सन्देश –

हिंदू तथा मुस्लिम लोगों में फैला भाईचारे का सन्देश Image source:

रतन सिंह के रोजे रखने के कारण हिंदू तथा मुस्लिम लोगों में एक नया पैगाम गया है। मुस्लिम लोग भी रतन सिंह के इस कार्य से काफी खुश हैं और इस कार्य को वे सकारात्मक नजरिये से देखते हैं। लक्सर की जामा मस्जिद के मौलवी गालिब रशीद का कहना है कि “रतन सिंह रोजे रख कर भाईचारे का ही सन्देश दे रहें हैं। वैसे रोजे को कभी धर्म की निगाह से नहीं देखना चाहिए। असल में यह जिस्मानी तथा रूहानी सुकून देता है। रोजा रखने से दूसरे लोगों की मदद करने का सन्देश भी मिलता है क्योंकि रोजा रखने पर व्यक्ति पूरा दिन भूखा प्यासा रहता है। ऐसे में वह उन लोगों के दुःख का अच्छे से अहसास कर सकता है, जिन्हें खाना नही मिल पाता है” रमजान में रिजा रखने पर रतन सिंह को घर वालों का पूरा सहयोग मिलता है। इस प्रकार से रतन सिंह पिछले 26 वर्ष से भाईचारे का सन्देश समाज में प्रसारित कर रहें हैं।

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