मुंबई आखिर किसके इशारों पर दौड़ती थी जानें इस नायक पर बनी फिल्म के ट्रेलर में ..

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बाला ठाकरे

शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के बारे में कौन नही जानता। वह एक ऐसा नेता जो ना तो कभी प्रधानमंत्री बना, न तो कभी विधायक बना और ना ही सांसद। लेकिन उसकी एक आवाज से भागती दौड़ती मुंबई वहीं थम सी जाती थी। मुबई के लोग इस  इसांन को अपना भगवान मानते थे। जिसके बारें में एक शब्द बोलने पर उसे पहले दस बार सोचना पड़ता था। क्योकि उनके एक कहने पर शिवसैनिक कुछ भी करने को तैयार थे।

बाल ठाकरे के जीवन पर बनी बायोपिक ठाकरे का ट्रेलर बुधवार 26 दिसम्बर को रिलीज हो चुका है। इस फिल्म में नवाजुद्दीन सिद्दीकी (बाल ठाकरे ) की मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ये उनकी दूसरी बायोपिक फिल्म है। इससे पहले उन्होनें सआदत हसन मंटो के जीवन पर बनी फिल्म ‘मंटो’ में मुख्य भूमिका निभायी थी। जिसमें उन्होनें काफी तारीफे बटोरी थी। अब वो बाल ठाकरे का रोल अदा कर रहे हैं। इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के मौके पर बाल ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे भी मौजूद रहे। फिल्म में बाल ठाकरे की पत्नी मीना ताई की भूमिका अमृता राव ने निभा रही है। यह बायोपिक फिल्म 25 जनवरी 2019 को रिलीज होगी। आइए जानते हैं कि इस फिल्म के बारें में, हमें क्या देखने को मिलने वाला है और विवाद किन मसलों पर अधारित है?

बाला ठाकरे

बाल ठाकरे के उपर बनी इस फिल्म में हमें उनके जीवन से जुड़ी हर चीज की जानकारी जानने को मिलेगी। इसमें उन सभी विवादों का ज़िक्र भी आपको देखने को मिलेगा। जिनसे बाल ठाकरे को महाराष्ट्र में मजबूत जमीन मिली। मुबई में मजबूती हासिल करने के बाद बाल ठाकरे ने कई मसलों पर जोर डाला। फिर चाहे वो बाबरी मस्जिद वाले मसले पर शिवसेना के विचार हों, य़ा फिर मुंबई दंगों की बात हो, तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई से रार ठानने की बात हो, या इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी के साथ खड़े होने वाला मसला हो।

बाला ठाकरे

जिस शिवसेना को बाल ठाकरे ने उंचाइयों पर लाकर रखा। उस पार्टी को और अधिक मजबूती मिले, इसके लिये उनके सामने एक बड़ी समस्या थी और वो समस्या थी मुबंई में बाहरी लोगों का जमा होना। यही वो पार्टी थी जिसने अपने महाराष्ट्र में बाहर से आये उत्तर भारतीयों खासकर यूपी-बिहार के लोगों को खदेड़ने का काम किया था। इससे पहले महाराष्ट्र से खदेड़ने की शुरुआत साउथ इंडियन लोगों से हुई थी। बाल ठाकरे को लगता था कि बाहर से आए लोगों की वजह से उनके राज्य के लोग बेरोजगार हो रहे है। इसलिए उन्होंने दूसरे राज्य के लोगों को बाहर भगाने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाना शुरू कर दिया।  इस फिल्म के ट्रेलर में आपको इससे भी अधिक जुड़ी चीज़ें देखने-सुनने को मिलेगीं।

बाला ठाकरे

इस फिल्म का ट्रेलर जैसे ही रिलिज हुआ। सेंसर बोर्ड ने इसके तीन डायलॉग्स पर आपत्ति जता दी है। साउथ इंडियन लोगों के साथ  बाबरी मस्जिद से जुड़े मुद्दे के तीन डायलॉग्स पर सेंसर बोर्ड ने आपत्ति जाहिर की है। लेकिन फिल्म के राइटर और प्रोड्यूसर संजय राउत ने इसके जवाब मे यही कहा- कि ‘जैसे बाल ठाकरे कंट्रोवर्शियल फिगर थे, लेकिन उनके तौर-तरीकों ने देश को नई राह दिखाई थी। इसी कारण बाल ठाकरे पर बनी फिल्म भी उसी तरह की होनी चाहिए।ये कोई किसी इंसान की लव स्टोरी पर अधारित फिल्म नहीं है, जिसे कांट-छांट करने का बाद प्रस्तुत किया जाएगा।फिल्म बिना किसी कट या बदलाव के रिलीज़ की जाएगी।’

‘ठाकरे’ के ट्रेलर से जुड़ी एक चीज़ ये भी देखने को मिली थी कि ट्रेलर के रिलिज होने के शुरुआती कुछ घंटों तक इस पर किसी भी व्यक्ति अपनी प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की थी। क्योंकि यूट्यूब पर कमेंट करने की सुविधा बंद कर दी गई थी। हालांकि बाद में कमेंट सेक्शन खोल दिया गया।

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