रावण की वो अच्छाइयां, जो आपके जीवन को बना सकती हैं आनंद और सुख से भरपूर

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राम और रावण हिन्दू ग्रंथ रामायण के प्रसिद्द पात्र है. जिसमें राम अच्छाइयों के प्रतिक हैं पर आज हम आपको बता रहें हैं रावण की कुछ ऐसी अच्छाइयां जिनको आमतौर पर लोग नहीं जानते हैं, असल में रावण को बुराई का प्रतीक ही माना जाता है, पर रावण में कुछ ऐसी अच्छाइयां भी थी जो की उसको सभी से अलग और महान बनाती थी। ऐसे में आज हम आपको रावण की वे अच्छाइयां बता रहें हैं जो आपके जीवन को सुख और आनंद से बार सकती हैं, तो आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।

1- एक अच्छा भक्त –

रावण भगवान शिव का परम भक्त था और यह उसके समर्पण की पराकाष्ठा ही थी कि उसने 10 बार अपने सिर भगवान शिव को काटकर समर्पित कर दिए थे। रावण ने ही भगवान शिव के तांडव नृत्य की महिमा करते हुए “शिव तांडव स्त्रोत्र” की रचना की थी।

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2- माह पंडित और ज्ञानी –

बहुत कम लोग जानते हैं कि रावण के पिता का नाम विश्वश्रवा ऋषि था, जो की एक ब्राह्मण थे, इसलिए ही रावण बचपन से तीव्र बुद्धि और ज्ञानी था। उसके जीवन का बड़ा समय तप में बीता था और ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर उसने बहुत सी दैविक शक्तियों को प्राप्त किया था।

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3- नीतिवान –

रावण सिर्फ चालाक ही नहीं था वह कूटनीति तथा राजनीति सहित नीतिशास्त्र का महा ज्ञाता व्यक्ति भी था, इसलिए ही भगवान राम ने रावण को मारने के बाद, रावण के शरीर त्यागने से पहले लक्ष्मण को उनके पास नीति ज्ञान लेने के लिए भेजा था।
इस प्रकार से रावण के अंदर बहुत ही विशेषताएं थी जो की उसको सभी सामान्य लोगों से अलग करती थी तथा महान बनाती थी। आज के समय के मानव में स्वार्थ और अहंकार पहले के समय से कहीं ज्यादा आ चुका है, इसलिए आप सभी लोग रावण की इन विशेषताओं से प्रेरित हो सकते हैं तथा अपने जीवन को अब से बेहतर बना सकते हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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