भारत के इस गांव में लोगों के पास है 2 देशों की नागरिकता

0
378

भारत एक ऐसा देश है जहां थोड़ी-थोड़ी दूरी पर लोगों की बोली और रहन-सहन में अंतर देखने को मिलता है। इसलिए किसी अलग चीज़ को देखकर ऐसा भी कहा जाता है कि इट्स हैप्पन ओनली इन इंडिया, मतलब कि ऐसा सिर्फ भारत में ही हो सकता है और ये बात सच भी है, क्योंकि भारत एक अनोखा देश है।

भारत-एक-ऐसा-देश-है-जहां-थोड़ी-थोड़ी-दूरी-पर-लोगोंImage Source :http://gazabduniya.in/

आपने पहले शायद ही ऐसा सुना हो कि किसी देश में रहने वाले कुछ लोगों के पास दो देशों की नागरिकता हो, लेकिन भारत के नागालैंड राज्य में एक ऐसा गांव है जहां के लोगों के पास दो देशों की नागरिकता है। इस गांव का नाम है लोंगवा गांव। यहां कोन्याक जनजाति रहती है, लेकिन इस गांव की ख़ास बात यह है कि यह गांव आधा भारत में व आधा म्यांमार में स्थित है। साथ ही दोनों देशों के बीच का बॉर्डर यहां के राजा के घर के बीच में से होकर गुजरता है।

इस गांव से जुड़ी कुछ खास बातें –

अंग नगोवांग कोन्याक जनजाति के राजा हैं। इनके अधीन ना सिर्फ लोंगवा गांव बल्कि और 75 गांव हैं। इतना ही नहीं राजा के घर के बीच में से भारत-म्यांमार सीमा होकर गुजरती है। इनके परिवार के सदस्य खाना म्यांमार में खाते हैं और सोने के लिए भारत की सीमा में आते हैं। इनका बेटा म्यांमार की आर्मी में है। आपको यह जानकर हैरानी होगी, लेकिन लोंगवा के राजा अंग नागोवांग का परिवार काफी बड़ा है। उनकी 60 पत्नियां हैं।

तकनीकी रूप से प्राप्त है दोहरी नागरिकता-

तकनीकी-रूप-से-प्राप्त-है-दोहरी-नागरिकताImage Source :https://3.bp.blogspot.com/

भारत और म्यांमार की सीमा पर स्थित होने के कारण इस गांव के लोगों को तकनीकी रूप से दोहरी नागरिकता प्राप्त है। इसलिए इन्हें जब म्यांमार जाना होता है तो किसी वीज़ा की जरूरत नहीं पड़ती और ना ही कभी भारत आने के लिए पासपोर्ट की जरूरत पड़ती है। यहां के लोगों को दोनों देशों के बीच स्वतंत्र रूप से आने-जाने की इजाज़त है।

इन्हें हेड हंटर्स कहा जाता है-

इन्हें-हेड-हंटर्स-कहा-जाता-हैImage Source :http://images.patrika.com/

यह बात जानने के बाद आप इन लोगों से शायद दहशत खाने लगें, क्योंकि एक समय था जब यह लोग इंसानों का शिकार करके उनके मांस को खाया करते थे। उनके सर को काटकर अपने पास रख लिया करते थे, लेकिन साल 1960 के बाद से हेड हंटिंग यहां नहीं होती। हालांकि आज भी आप इन लोगों के घरों में इंसानी खोपड़ियां सजी हुई देख सकते हैं, जो कि अपने आप में काफी डरावनी और अजीब बात है। इसके अलावा बाकी जनजातियों की अपेक्षा कोन्याक जनजाति काफी बड़ी है। इन लोगों की भाषा नागमिस है। यह भाषा आसामी और नागा भाषाओं के मेल से बनी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here