राहुल गांधी अब कांग्रेस उपाध्यक्ष नहीं रहे बल्कि अब वह अध्यक्ष बन चुके हैं और इसी के साथ उनका वह भाषण भी लीक हो गया जिसको वे अध्यक्ष पद सम्भालने के बाद अपने अभिनन्दन प्रोग्राम में पढ़ने वाले थे। यह सब उस समय हुआ जब वह बंद कमरे के अंदर फूल ड्रेस में इस भाषण को पढ़कर अपना रिहर्सल कर रहें थे। हम आपको उस भाषण के कुछ अंश यहां बता रहें हैं ताकि आप भी उनके विचारों से अवगत हो सकें।
भाषण के मुख्य अंश –
1 – पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद मुझे बहुत खुशी हो रही है। असल में यह पहली बार है जब मैंने किसी चुनाव को जीता है, यही मेरी आतंरिक खुशी का कारण है। बहुत से लोग मुझसे पूछते थे कि आप पार्टी में कोई बड़ा कार्य कब करोगे। मुझे लगता है उन सभी लोगों को उनके सवाल का जवाब मिल चुका है। (कार्यकर्ताओं में सन्नाटा)
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2 – जैसा की आप सभी जानते ही हैं कि हमारी पार्टी पूर्णतः लोकतांत्रिक है। इस बात का सबूत यह है कि सबसे पहले मेरी दादी उनके बाद मेरे पापा और उनके बाद में मेरी मम्मी ने इस पार्टी की डेमोक्रेसी की रक्षा की और अब मैं स्वयं इस फर्ज को निभाउंगा।
3 – इस पार्टी के लिए मेरे परिवार के लोगों ने बहुत सी कुर्बानियां दी हैं। पहले मेरी दादी ने देश के लिए कुर्बानी दी और उनके बाद मेरे पापा ने भी अपनी कुर्बानी दी। अब मेरी मम्मी ने मेरे लिए पार्टी अध्यक्ष पद की कुर्बानी दी है। आप खुद ही समझ सकते हैं कि मेरे परिवार के लोग कितने बलिदानी हैं। (कार्यकर्त्ता सकते में)
4 – बहुत से लोग यह भी कहते हैं कि कांग्रेस में नेता हैं ही नहीं। असल में ऐसा कुछ नहीं है अब मैं ऐसी मशीन लाऊंगा कि एक और से गधा डालोगे और दूसरी और से गधा निकलेगा। इस तरह से अब इस पार्टी में नेताओं की कोई कमी नहीं रहेगी। (कार्यकर्ताओं में सन्नाटा)
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5 – अभी मैं गुजरात दौरे पर था। वहां मैंने एक महिला को देखा। उसको देख कर मेरे आंसू निकल गए। वो बेहद गरीब थी, न उसके पास गाड़ी थी, न बंगला था और न ही घर में नौकर थे। आपने देखी है कभी ऐसी गरीबी? (कार्यकर्ताओं में सन्नाटा)
6 – मैं यूपी चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में भी गया था। वहां मैं एक एक गरीब मजदूर से मिला। उन्हे काम ढूंढने के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है। शहर में कोई कारखाना नहीं है। उस मजदूर के घर में खाने को रोटी तक नहीं थी। मैंने उससे बात की तो उसने बताया कि यह सब मेरे शहर के एमपी की गड़बड़ी है। मैंने कहा की कहां के हो तुम बताओ मैं तुम्हारे एमपी से बात करूँगा तो उसने बताया की वह अमेठी से है। तब से आज तक मैं अमेठी के एमपी को ढूंढ रहा हूं। (कार्यकर्ताओं में सन्नाटा)
7 – अब इस भाषण को मैं ख़त्म करता हूं क्युंकि अब “छोटा भीम” शुरू होने वाला है। आप सभी लोग खाना खा कर ही जाए। धन्यवाद। (तालिया)
विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना हैं। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं हैं। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक हैं। अगर इससे कोई आहत होता हैं तो हमें बेहद खेद हैं।
