पीएम मोदी ने किया बड़ा खुलासा, कहा- केजरीवाल ने दिया था नोटबंदी का आइडिया

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हाल ही में नोटबंदी को एक वर्ष पूरा हुआ हैं और इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने केजरीवाल व नोटबंदी को लेकर नया खुलासा किया। इस खुलासे से सभी लोग हैरान हैं। वहीं पीएम के इन शब्दों को सुनकर “आप” पार्टी के लोग इस बयान को झूठा बता रहें हैं। असल में जब पिछले वर्ष नोटबंदी हुई थी तो बहुत से लोगों के मन में यही सवाल था कि आखिर किस व्यक्ति ने इस “महान” आइडिया को पीएम के दिमाग में डाला।इस सवाल का जवाब अब नोटबंदी की बरसी पर मिला हैं। पीएम मोदी ने इस सब का ठीकरा अपने परम घोर विरोधी केजरीवाल के सिर पर फोड़ दिया हैं।

मोदी ने अपने ट्वीट में इस बात का खुलासा करते हुए कहा हैं कि “नोटेबंदी का तामझाम मैंने केजरीवाल जी के कहने पर ही किया था। इसमें मेरा कुछ लेना देना नहीं था।” अपने एक अन्य ट्वीट में मोदी ने लिखा कि “मुख्यमंत्री बनने के बाद जब वे मेरे पास आये थे तो उन्होंने कहा था कि मोदी जी एक बार नोटबंदी कर ही दीजिये, सो मैने कर दी। अब जो कहना हैं उन्ही को कहिये।”

PM modi reveals the man behind demonetizationimage source:

यह बात जानने के लिए पत्रकार जब केजरीवाल के घर पंहुचे और उनसे इस बारे में पूछा कि “केजरीवाल जी एक तरफ आप चोरी से मोदी जी से नोटबंदी करने को कहते हैं और दूसरी और उनकी बुराई करते हैं। यह सब आखिर क्या चक्कर हैं?

केजरीवाल इस बात को सुनकर तमतमा गए। उन्होंने लगभग चिल्लाते हुए कहा “ये सब क्या बकवास हैं। यह तो सरासर न इंसाफी हैं। मैंने कब मोदी जी को नोटबंदी का आइडिया दिया। मैं तो उनसे बोलता ही नहीं सो इतना एडवांस आइडिया मैं कैसे दे सकता हूं।”

“आप” के नेता आशुतोष ने कहा कि “यह सब सफ़ेद झूठ हैं, हम भला नोटबंदी में क्यों योगदान देंगे। मोदी जी साफ़ साफ़ झूठ बोल रहे हैं। उनको अपने बयान पर माफ़ी मांगनी चाहिए।

इतने में अमित शाह प्रधानमंत्री आवास पर मोदी जी से मिलने पहुंचे और दोनों टीवी खोल कर न्यूज़ देखने लगें। मीडिया वाले “आप” नेताओं से सबूत मांगते नजर आ रहें थे। अचानक ही यह देख दोनों जोरो से हंसने लगे।

विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना हैं। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं हैं। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक हैं। अगर इससे कोई आहत होता हैं तो हमें बेहद खेद हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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