मदर टेरेसा का नाम हर कोई आदर से लेता है लेकिन क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि उन्हीं की संस्था से जुड़े लोग नवजात बच्चों की खरीद फरोत का कारोबार करते हैं। हाल ही में झारखंड प्रदेश के रांची शहर से एक मामला सामने आया है। यहां पर मदर टेरेसा की संस्था “मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम” पर बच्चों की बिक्री करने का आरोप लगा है। इस मामले में रांची की कोतवाली पुलिस ने अभी तक इस संस्था की एक अधिकारी तथा दो सिस्टर्स को गिरफ्तार किया है।
तीन महिलाओं को किया है गिरफ्तार –
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इन तीनों लोगों पर आरोप है कि ये लोग मदर टेरेसा की संस्था की संचालिका के साथ मिलकर अभी तक करीब आधा दर्जन बच्चों को बेच चुकें हैं। इस मामले का खुलासा “चाइल्ड वेलफेयर कमेटी” ने किया है तथा यह बताया है कि ये लोग एक बच्चा बेचने के एवज में करीब 1.50 लाख रूपये तक लेते थे। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की सदस्य सीमा देवी बताती हैं कि “अभी इस मामले में टेरेसा की संस्था की सदस्य अनिमा इंदवार शक के घेरे में हैं तथा पुलिस उनको हिरासत में ले चुकी है।” दूसरी और पुलिस का कहना है कि “अनिमा इंदवार ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि वे चैरिटी होम संस्था की संचालिका सिस्टर कोनसीलिया के साथ मिलकर करीब आधा दर्जन बच्चों को बेच चुकी हैं।” पुलिस ने इस मामले को मानव तस्करी से जोड़ते हुए अपनी कार्यवाही तेज कर दी है।
संस्था की महिलाएं बेचती थी बच्चे –
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मदर टेरेसा की संस्था चैरिटी होम की सदस्य अनिमा इंदवार के वयान के बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरु कर दी है। पुलिस ने अनिमा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इसके साथ ही पुलिस ने चैरिटी होम की संचालिका सिस्टर कोनसीलिया तथा सिस्टर मैरी को गिरफ्तार किया है। अभी पुलिस इन दोनों से पूछताछ करने में जुटी है। पुलिस का कहना है कि इन दोनों महिलाओं ने भी पुलिस के समक्ष बच्चे बेचने के गुनाह को स्वीकार किया है। अभी तक 4 बच्चों को गैर कानूनी रूप से बेचने की बात सामने आई है।
पुलिस को अब तक की अपनी जांच में पता लगा है कि इन लोगों ने बच्चों को रांची के अलग अलग क्षेत्रों के अलावा उत्तर प्रदेश में भी बेचा है। पुलिस का कहना है कि “चैरिटी होम संस्था में एक अविवाहित महिला रहती थी। संस्था ने उसके डेढ़ माह के बच्चे को उत्तर प्रदेश के एक दंपत्ति को एक लाख बीस हजार में बेच दिया था। मामले में मोड़ उस समय आया जब पैसे देने वाले दंपत्ति को संस्था की ओर से बच्चा नहीं दिया गया। इसके बाद दंपत्ति ने संस्था की शिकायत चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से कर दी थी। इसके बाद ही चैरिटी होम की संचालिका सहित अन्य दो महिलाओं को गिरफ्तार किया गया।”