मुद्रा के रूप में यहां चलते हैं “केले के पत्ते”, जानिये इस स्थान के बारे में

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वैसे तो हर देश की अपनी मुद्रा होती है, पर जिस स्थान से आज हम आपको रूबरू कराने जा रहे है। वहां पर केले के पत्तों को ही मुद्रा के रूप में चलाया जाता है। देखा जाएं तो दुनिया में ऐसे बहुत से स्थान है जो अपने अजीबोगरीब कार्यों की वजह से लोगों में हैरानी पैदा करते हैं। ऐसे सभी स्थान दुनिया के लोगों के लिए रोचकता का प्रतीक बने होते हैं। कुछ स्थान अपने अजीबोगरीब पहनावे के लिए प्रसिद्ध हैं तो कुछ अपनी संस्कृति तथा खानपान के लिए। मगर आज जिस स्थान के बारे में हम आपको बता रहें हैं। वह अपनी अनोखी मुद्रा के लिए चर्चा का केंद्र बना हुआ है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह एक आयलैंड है और इस आयलैंड पर मुद्रा के रुप में केले के पत्तों का प्रयोग किया जाता है। जी हां, इस आयलैंड पर केले के पत्तों से ही मुद्रा बनाई जाती है।

खतरनाक जनजाति करती है निवास

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इस आईलेंड का नाम “पापुआ न्यू गिनी” है। इस आईलेंड पर एक जनजाति है जो कि काफी खतरनाक है। इस जनजाति के रिवाज भी बहुत अजीबोगरीब हैं। यहां पर बच्चे का पैदा होना एक चमत्कार ही माना जाता। इस जनजाति में यदि कोई विवाद पनपता है तो उसको क्रिकेट खेल कर सुलझाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति जंगल में खो जाता है तो उसके लिए एक अनोखी खोपड़ी बनाई जाती है। कुल मिलाकर यह जनजाति बहुत अजीबोगरीब तथा हैरान करने वाली परम्पराओं का पालन करती है।

केले के पत्तों की है मुद्रा

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आपको जानकर हैरानी होगी कि इस आयलैंड पर निवास करने वाली यह जनजाति केले के पत्तों को ही पैसे के रूप में प्रयोग करती है। यहां पर केले के पत्ते की 50 पत्तियों को 1 यूरो के बराबर माना जाता है। यहां पर रहने वाले आदिवासी लोगों की जनजाति को “ट्रोब्रिएंडर्स” के नाम से जाना जाता है। इनके रीति रिवाज काफी अलग हैं। डेनिस डे ट्रोब्रिएंड नामक व्यक्ति ने 1793 में इस आइलैंड को खोजा था। 1894 में इस आइलैंड को नई पहचान दी गई तथा तभी से इसको “पापुआ न्यू गिनी” के नाम से जाना जाता है।

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