जन्मदिन विशेष – अटल जी उर्फ़ अटल बिहारी वाजपेयी को जानिये उनकी दुर्लभ तस्वीरों के जरिये

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अटल जी

 

आज क्रिसमस डे के अलावा भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन भी है। 25 दिसंबर का दिन भारत में “बड़ा दिन” के नाम से जाना जाता है। इस दिन ही 25 दिसंबर 1924 को भारत में एक बड़ा व्यक्तित्व भी पैदा हुआ था। जिनको आज हम “अटल बिहारी वाजपेयी” के नाम से जानते हैं। वर्तमान में स्वास्थ्य के ख़राब होने के कारण वे सक्रीय राजनीति से दूर भले ही रहते हों पर उनके किये कार्यों के कारण वे आज भी प्रत्येक राजनीतिक पार्टी के व्यक्ति के ह्रदय में अपना विशिष्ट स्थान बनाये हुए हैं। आज भी अटल जी अपने किये कार्यों की बजह से चर्चा में रहते हैं।

देखा था “नए भारत” का सपना –

अटल जीImage Source: 

आज पीएम मोदी के “न्यू इंडिया” की चर्चा जोरों पर है पर बहुत कम लोग जानते हैं कि इस नए भारत का स्वप्न सबसे पहले देखने वाले अटल जी ही थे। उन्होंने इस बारे में अपने विचार प्रकट करते हुए “नए भारत” की रूपरेखा को स्पष्ट किया था। अटल जी ने कहा था –

“‘ऐसा भारत जो भूख और डर से, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो।”

राजनीतिक सफर का आगाज –

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अटल बिहारी वाजपेयी उन लोगों में से एक थे जिन्होंने “जनसंघ” नामक राजनीतिक संघठन की स्थापना की थी। यही जनसंघ बाद में “भारतीय जनता पार्टी” बना था जो आज बीजेपी के नाम से जानी जाती है। 1968 से 1973 तक अटल जी ही जनसंघ के अध्यक्ष रहे थे और उसके बाद में वे जीवन पर्यंत भारत की राजनीति में सक्रीय भी रहे। अटल बिहारी वाजपेयी को जानने वाले इस बात से अवगत हैं ही की वे साहित्य क्षेत्र के व्यक्ति थे। आपको बता दें की उन्होंने वीर अर्जुन, राष्ट्रधर्म, पांचजन्य जैसी देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत पत्र पत्रिकाओं का संपादन भी किया था। इसके अलावा वे एक ओजस्वी वक्त तथा एक कवि भी रहें हैं।

साधारण परिवार का असाधारण व्यक्तित्व –

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देखा जाए तो अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म एक साधारण परिवार में ही हुआ था। आपको बता दें की अटल जी के पिता पण्डित कृष्ण बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बटेश्वर नामक स्थान के मूलनिवासी थे। वे मध्य प्रदेश की रियासत में अध्यापन का कार्य करते थे। 25 दिसम्बर, 1924 को ब्राह्ममुहूर्त के समय में ग्‍वालियर में शिन्दे की छावनी में अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था। अटल जी की माता का नाम “कृष्णा वाजपेयी” था। अटल बिहारी वाजपेयी अपने देश के कार्यों के प्रति इतने श्रद्धान्वित रहें की उन्होंने जीवन पर्यंत कभी विवाह नहीं किया।

पहली बार में मिली थी असफलता –

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बता दें की अटल बिहारी वाजपेयी ने 1955 में पहली बार चुनाव लड़ा था पर पहली बार में ही उनको असफलता मिली थी। उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और 1959 में बलरामपुर सीट से विजय हुए। 1957 से 1977 तक अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के संसदीय दल के नेता भी रहे। 1977 से 1979 तक अटल बिहारी वाजपेयी मोरारजी देसाई सरकार में विदेश मंत्री रहे थे। 6 अप्रैल, 1980 में निर्मित हुई बीजेपी के अध्यक्ष की कमान अटक जी ने ही सम्हाली थी। 1996 में अटल जी पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने और 16 से 31 मई, 1996 तक वे सी पद पर रहें। 19 मार्च, 1998 को वे दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने थे। अटल बिहारी वाजपेयी जी को उनके किये कार्यों के लिए बहुत से सम्मानों से नवाजा गया पर “भारत रत्न” इस क्रम में उनको सबसे बड़ा सम्मान मिला।

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