पिरामिड हमेशा से ही दुनिया के लिए बेहद रहस्यमय रहें हैं। आज तक इस बात का पता नहीं लग पाया हैं कि आखिरकार पिरामिड किस प्रकार से निर्मित किए गए थे और इनके अंदर क्या क्या छिपा हैं। मगर हाल ही में हुई एक खोज से शायद इन सभी प्रश्नों के उत्तर मिल सकते हैं। पिरामिड आज से करीब 5 हजार वर्ष पुरानी सभ्यता में निर्मित हुए माने जाते हैं। इन पर वर्षो से खोज चलती आ रही हैं। हाल ही में नील नदी के पास स्थित “गीजा का पिरामिड” के अंदर वैज्ञानिकों को करीब 100 फिट लंबा एक चेम्बर मिला हैं।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक –
image source:
खोजी वैज्ञानिक इस 100 फिट लंबे चेम्बर के बारे में अपनी अलग ही धारणा दे रहें हैं। उनका मानना हैं कि ऐसा हो सकता हैं कि इस पिरामिड के निर्माण के समय यह गलियारा अधूरा रह गया हो। अब वैज्ञानिक इस स्थान पर एक रोबोट भेजना चाह रहें हैं ताकि अंदर के राज से पर्दा उठ सके।
पिरामिड के इस चेम्बर पर फ़्रांस तथा जापान के वैज्ञानिकों ने 2 वर्ष तक रिसर्च की हैं। इसको ” स्कैन पिरामिड बिग वॉयड” का नाम दिया है। आपको बता दें कि इस गलियारे की खोज के लिए वैज्ञानिकों ने कॉस्मिक रे इमेजिंग तकनीक का उपयोग किया था। इस तकनीक में कॉस्मिक किरणों को पिरामिड के अंदर से गुजारा था। ये किरणे पत्थरों द्वारा सोख ली जाती हैं, पर हवा के संपर्क में आकर फिर से नजर आने लगती हैं। इसी कारण वैज्ञानिकों को इस सीक्रेट चेम्बर का पता लग सका। पिरामिड़ के अंदर की इस खोज में काहिरा तथा जापान की यूनिवर्सिटी के भूगर्भशास्त्रियों की टीमें कार्य कर रही हैं। अब देखना यह हैं कि आखिर कब तक पिरामिड के अंदर के राज से पर्दा उठेगा।