रोटी बैंक में हर गरीब को मिलेगा खाना

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दुनिया में दूसरी सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था बेशक भारत की हो, लेकिन आज भी गरीबी भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। आज भी भारत की करीब 29.8 प्रतिशत भारतीय आबादी गरीबी रेखा के नीचे है। आपने कई लोगों को भीख मांगते हुए या रोड पर सोते हुए भी देखा होगा। ऐसे गरीबों को खाना देने के लिए अब आ गया है रोटी बैंक। आपने आज तक पैसे और दूध के बैंक के बारे में सुना होगा लेकिन रोटी बैंक के बारे में पहली बार सुन रहे होंगे। जी हां, औरंगाबाद में एक ऐसे रोटी बैंक की शुरूआत हुई है जहां लोग अपनी रोटी जमा करते हैं और गरीब लोग वहां से मिली रोटी से अपना पेट भरते हैं। यह रोटी एकदम ताजी होती है। यही नहीं यहां रोटी के अलावा वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन डिशेज भी मिलती हैं।

कैसे हुई रोटी बैंक की शुरूआत
भूखमरी को देखते हुए उत्तर प्रदेश में 5 दिसंबर को देश के पहले रोटी बैंक की शुरूआत की गई थी। इसके बाद झारखंड में भी इस तरह का बैंक खोला गया। अब महाराष्ट्र के औरंगाबाद में खुला यह रोटी बैंक भारत का तीसरा रोटी बैंक है।

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रोटी बैंक की किसने की शुरूआत
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में देश के पहले रोटी बैंक की शुरूआत (HIMC) हरून मुक्ति इस्लामिक सेंटर के फाउंडर यूसुफ मुक्ति ने की। उन्होंने बताया कि सालों से गरीबों को सड़कों पर भीख मांगकर खाते देखा है। इससे आहत होकर मन दुखी हो गया। सोचा क्यों न ऐसा कुछ किया जाए कि इन गरीबों को भीख न मांगनी पड़े और इन्हें दो वक्त की रोटी मिल सके।

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पहली बार में ही 250 लोगों ने दी थीं रोटियां
उन्होंने अपने रोटी बैंक के इस विचार पर अपनी पत्नी कौसर और चार बहनों से बात की। जिसके बाद 5 दिसंबर को इस बैंक की स्थापना की गई। स्थापना के साथ ही इसे लेकर लोगों में गजब का उत्साह देखने को मिला। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि पहले दिन से ही इस बैंक में 250 लोग रोटी देने के लिए तैयार हो गए।

आप भी बन सकते हैं इस बैंक के मेंबर
रोटी बैंक में रोटी देने के लिए एक साधारण फॉर्म भरना होता है। इसके बाद रोटी बैंक की तरफ से रोटी देने वाले को एक डिपोजिटर कोड दिया जाता है। फॉर्म में लिखा होता है कि मेंबर को कम से कम दो फ्रेश रोटी और घर में बने सब्जी का कुछ हिस्सा रोज रोटी बैंक में डिपोजिट करना होगा।

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रोटी लेने की टाइमिंग
सुबह के 11 बजे से लेकर रात के 11 बजे तक यह बैंक खुला रहता है। इस दौरान लोग रोटी देने भी आते हैं और गरीब खाना लेने भी आते हैं। बैंक डिपोजिटर्स को स्पेशल कैरी बैग देता है जिस पर कोड नंबर लिखा होता है। इससे खाने की ताजगी को चेक करने में आसानी होती है।

इस बैंक में रेस्टोरेंट से भी आता है खाना
शादियों में बचे खाने को भी यहां भेजा जाता है। इसके लिए रोटी बैंक द्वारा वेडिंग प्लानर्स को भी जोड़ा गया है। यही नहीं कुछ बड़े रेस्टोरेंट भी रोटी बैंक से जुड़ गए हैं। जो अपने बचे खाने को यहां डिपोजिट करते हैं।

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