आज देश में तकनीक व विकास इस मुकाम पर पहुंच गया है जहां अब कोई भी चीज नमुमकिन नही है। मगर आज भी देश की बहुत बड़ी संख्या ऐसी है जो अंधविश्वास के जंजाल में फसी है। जानिए हाल ही की इस घटना के बारे में जो इसी और इशारा करती है। जहां तक बात गरीब तथा अनपढ़ लोगों की बात है तो इस बात को माना भी जा सकता है पर यदि पढ़ें लिखे लोग ही अन्धविश्वाश में पड़ जाएंगे तो समाज आगे कैसे बढ़ेगा, यह विचार करने योग्य प्रश्न है। हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई है जो इस बात को सिद्ध करती है कि आज भी हमारे समाज में बहुत से पढ़ें लिखे लोग अंधविश्वास में विश्वास करते हैं।
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आपको बता दें कि हाल ही की यह घटना महाराष्ट्र के पुणे से सामने आई है। पुणे के एक अस्पताल में एक डॉक्टर ने महिला का इलाज करने के लिए एक तांत्रिक को बुला लिया। इस अस्पताल का नाम “दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल” है। यहां एक महिला ट्यूमर की समस्या से ग्रस्त थी। यहां के डॉ.सतीश चव्हाण ने महिला के ट्यूमर का इलाज करने के लिए एक तांत्रिक को अस्पताल में बुला लिया। इस कारण वहां मौजूद मरीज तथा लोग हैरान हो गए। एक तांत्रिक से महिला का इलाज करवाने का परिणाम यह हुआ कि महिला की मौत हो गई। मृतक महिला का नाम संध्या सोनवणे है। अब पुलिस ने आरोपी डाक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और आगामी कार्यवाही शुरु कर दी है। अधिकतर लोग इस बात से हैरान है कि जो डॉक्टर पढ़ लिख कर इतने ऊंचे मुकाम पर पहुंचा है वह इस प्रकार की गलती आखिर कैसे कर गया।
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इस घटना से सम्बंधित एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है। वीडियो में दिखाया गया है कि बीमार महिला आईसीयू में भर्ती है तथा एक तांत्रिक उसका इलाज कर रहा है। मृतक महिला संध्या सोनवणे के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने खुद इलाज न करके एक तांत्रिक को अस्पताल में बुलाया और इसी लापरवाही के कारण संध्या सोनवणे की मौत हो गई। आपको बता दें कि संध्या सोनवणे के सीने में एक ट्यूमर था। जिसका इलाज करने के लिए वह डॉ.सतीश चव्हाण के अस्पताल में भर्ती हुई थी लेकिन डॉक्टर ने उसके ऊपर से भूत को भगाने के नाम पर एक तांत्रिक को अस्पताल में बुला लिया। जिसके कारण महिला का इलाज सही समय पर न हो सका तथा उसकी मौत हो गई।