दंगल गर्ल ज़ायरा वसीम के लिए कर्म से बड़ा बन गया धर्म! छोड़ी फ़िल्मी दुनिया

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ज़ायरा वसीम

बॉलीवुड अभिनेत्री जायरा वसीम ने एक्टिंग के साथ फिल्मी दुनिया को हमेशा के लिये अलविदा करने का फैसला बना लिया है। अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर लिखे 6 पन्ने के पोस्ट से  उन्होंने साफ़ किया है कि उन्होंने बॉलीवुड छोड़ने का मन बना लिया है और अब वो एक्टिंग नहीं करेंगी। ज़ायरा ने अपने पेज में लिखकर जाहिर किया है अब जब मैंरे बॉलीवुड के पांच साल पूरे हो चुके हैं तब मैंने यह बात स्वीकारा है। कि इस पहचान से मै खुश नहीं हूं। और इस बात को मै काफी लंबे समय से भी महसूस कर रही हूं कि मैंने कुछ और बनने के लिए संघर्ष किया है।

ज़ायरा ने बहुत कम उम्र में अपनी दमदार एक्टिंग से बॉलीवुड में एक खास जगह बनाई है। अब ज़ायरा सोनाली बोस की फ़िल्म ‘द स्काई इज़ पिंक’ में परदे पर नज़र आएंगी। इस फ़िल्म में ज़ायरा प्रियंका चोपड़ा और फ़रहान अख़्तर के साथ नज़र आएंगी। इससे पहले ब्लॉक बस्टर फ़िल्म ‘दंगल’ में ज़ायरा ने आमिर ख़ान की बेटी का किरदार निभाया और ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ में भी शानदार अभिनय किया।

ज़ायरा वसीम

अब वह इस बात को स्वीकार करती है कि इस क्षेत्र ने मुझे बहुत प्यार, सहयोग और तारीफ़ें दी हैं लेकिन ये सब बातें मुझे गुमराही के रास्ते पर भी ले जानें में मदद कर रही है। मैं ख़ामोशी से और अनजाने में अपने ईमान से बाहर निकल आई।

अब मैंने उन चीज़ों को खोजना और समझना शुरू किया है जिन चीज़ों के लिए मैंने अपना समय, प्रयास और भावनाएं समर्पित करने के लिये तत्पर हूं। इस नए लाइफ़स्टाइल को समझा तो मुझे अहसास हुआ कि भले ही मैं यहां पूरी तरह से फिट बैठती हूं, लेकिन मैं यहां के लिए नहीं बनीं हूं।

मैंने ऐसे माहौल में काम करना जारी रखा जिसने लगातार मेरे ईमान में दख़लअंदाज़ी की। मेरे धर्म के साथ मेरा रिश्ता ख़तरे में आ गया। जिसें मैं लगातार नज़रअंदाज़ करके आगे बढ़ती रही हूं। लेकिन अब  मैंने अपने जीवन से सारी बरकतें खो दीं

“बरकत ऐसा शब्द है जिसके मायने सिर्फ़ ख़ुशी या आशीर्वाद तक ही सीमित नहीं है बल्कि ये स्थिरता के विचार पर भी केंद्रित है जिस पाने के लिये मैं संघर्ष करती रही हूं।“ अपने फ़ैसले को मज़बूत करने के लिए मैंने अपने दिल को अल्लाह से जोड़कर अपनी कमज़ोरियों से लड़ने और अपनी अज्ञानता को सही करने का फ़ैसला लिया है।

क़ुरान के महान और आलौकिक ज्ञान में मुझे शांति और संतोष मिला। वास्तव में दिल को सुकून तब ही मिलता है जब इंसान अपने बंदे के बारे में, उसके गुणों, उसकी दया और उसके बारे में जानता है।

ज़ायरा वसीम

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