आज हमारा देश भले ही कितनी ऊंचाइयों पर पहुंच चुका है पर देश में आज भी लड़कियां असहाय और कमजोर होकर दरिदंगी का शिकार बन रही हैं। स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि मासूम बच्चों को भी दरिंदे अपना शिकार बना कर मौत से लड़ने के लिए छोड़ देते हैं। हालात ऐसे बन चुके हैं कि मां के आचंल से निकली बेटी अब बाहर निकलने से भी डरती है। उनका बचपन तो मानों छिन सा गया है। आखिर क्यों हो रहा है ऐसा। हर दिन एक निर्भया का अंत…। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून तो बनाए गए हैं, लेकिन फिर भी बेखौफ होकर आज भी दरिंदे खुले आम घूम रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद के गरौठा थाना अंतर्गत ग्राम ताई में मंदिर के पास हुई एक घटना ने लोगों को झंकझोर कर रख दिया। यहां एक मासूम बालिका का शव काफी छतिग्रस्त अवस्था में पाया गया। बताया जा रहा है कि 7 वर्षीय मासूम अनामिका किसी कार्यवश घर से बाहर मंदिर की ओर गई हुई थी। यहां पर पहले से घात जमाए बैठे दरिंदों ने उसे अपनी हवस का शिकार बना लिया। इतना ही नहीं उस मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी गई। इधर, उसकी मां अपनी बच्ची के लौटने का इंतजार कर के छटपटा रही थी। काफी खोजबीन करने के बाद बच्ची की लाश उनके ही बाड़े में पड़ी हुई मिली। बच्ची का शव मिलने की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतका के पिता की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
बात यहां तक ही खत्म नहीं होती। यह अनामिका कोई पहली बच्ची नहीं है जिसकी मौत इस दर्दनाक तरीके से हुई है। ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कानून तो बना है, लेकिन वह काफी लचीला है जिसका फायदा ऐसे दरिंदे उठा रहे हैं। अगर लगातार हो रही इस तरह की घटना के बाद भी कानून का सख्ती से पालन नहीं हुआ तो रोज कई अनामिका और कई निर्भया इसी तरह से ऐसे दरिदों का शिकार बनती रहेंगी।