ट्यूबलाइट रिव्यू – ट्यूबलाइट निकली चाइनीज, पैसे बर्बाद होने से लोग खफा

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हाल ही में आई सलमान खान की फिल्म “ट्यूबलाइट” निकली चाइनीज। आपने फिल्म नहीं देखी तो हो जाएं सावधान और पढ़िए हमारा यह रिव्यू, कसम से आपके पैसे बर्बाद होने से बच जाएंगे। जी हां, आपका नुकसान न हो यहीं तो हम चाहते हैं और इसलिए आज हम आपके लिए लाएं हैं फिल्म ट्यूबलाइट का असल रिव्यू, तो आइए जानते हैं कि सलमान खान की इस फिल्म ने किस प्रकार का प्रभाव लोगों पर छोड़ा।

स्टोरी –
1962 के भारत चीन युद्ध के ऊपर बनी इस फिल्म में खुद को चाइनीज ट्यूबलाइट सिद्ध करवा ही दिया। खैर, सलमान खान इस फिल्म में लक्ष्मण सिंह बिष्ट बने हैं जो कि कुमाऊं के एक छोटे गांव में रहता है और सोहेल खान “भरत बिष्ट”, भरत भारत चीन युद्ध के समय सेना में भर्ती होकर युद्ध में चला जाता है और कभी वापस नहीं आता।

सलमान भाई ने इस फिल्म में एक ऐसे बंदे का किरदार निभाया है, जिसको एक बात एक बार में समझ में नहीं आती और इसलिए ही लोग उसको ट्यूबलाइट कहते हैं। फिल्म के आखिर में सोहेल खान मिल जाता है, पर वह व्हील चेयर पर होता है और उसकी याददाश्त जा चुकी होती है। इस अवस्था में सलमान भाई अपने दो चार स्टेप सोहेल को दिखाते हैं और उसकी याददाश्त वापस आ जाती है यानि इस फिल्म ने एक नई थैरेपी का पर्दापण चिकित्सा जगत में कर दिया है और वो है “डांस थैरेपी”।

Tubelight turns out to be a Chinese product people got disappointedimage source:

एक्टिंग –

फिल्म में एक्टिंग की बात करें तो सलमान खान के अलावा सभी की एक्टिंग बढ़िया है। सलमान का रोल एक बुद्दू किस्म के बंदे का है इसलिए फिल्म डायरेक्टर कबीर खान ने उनको पहले ही अच्छे से रूलाने की ठान ली थी, पर जब-जब सलमान रोते हैं पब्लिक हंसने लगती है।

एक बात और सलमान की जिप हमेशा ही खुली रहती है और फिल्म के अंत तक यह नहीं पता लग पाता कि आखिर यह खुली किसके लिए थी। इस फिल्म में जिप लगाने को ही सलमान भूलते हैं बाकी सभी काम मस्त तरीके से करते नजर आते हैं, अब आप खुद ही सोच लें कि पब्लिक को कितनी बुरी तरह बेवकूफ बनाया गया है।

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म्यूजिक –

इस फिल्म का म्यूजिक ही है जो फिल्म की ट्यूबलाइट में थोड़ी बहुत लाइट डालता है बाकी सब देखने पर आपके दिमाग की ट्यूबलाइट जल जाएगी।
इस फिल्म की टैग लाइन है “क्या तुम्हे यकीन है”, अब फिल्म को देखने के बाद तो सिर्फ इतना ही कह सकते हैं कि पब्लिक को यकीन हो या न हो, पर सलमान भाई को पूरा यकीन है कि वे हर बार की तरह इस बार भी ईद पर पब्लिक को बेवकूफ बना ही देंगे।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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