अपनी मृत्यु के कुछ घंटे बाद फिर से जीवित हो गया यह शख्स, बताई मृत्यु के बाद की सच्चाई

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मृत्यु

क्या कोई व्यक्ति मर कर दोबारा जिंदा हो सकता है। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें एक व्यक्ति अपनी मौत के 5 घंटे बाद फिर से जीवित हो उठा। इस मामले के सामने आने के बाद सभी लोग हैरान हो गए। आपको बता दें कि यह मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ से सामने आया है। यहां एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी। मगर कुछ घंटों बाद जब आसपास के लोग उसका अंतिम संस्कार करने के लिए उसे ले जा रहें थे तो अचानक वह अर्थी से उठ बैठा। यह देखकर लोगों में खलबली मच गई। इस व्यक्ति ने बताया कि यमराज उसको गलती से अपने साथ ले गए थे और अब उन्होंने ही उसको वापस भेज दिया। इस बात को सुनने के बाद लोग काफी हैरान हो गए और इस व्यक्ति ने भी यमलोक की कई बातें लोगों को बताई। आइये अब हम आपको विस्तार से इस घटना के बारे में बताते हैं।

उत्तर प्रदेश से सामने आया है यह मामला –

उत्तर प्रदेश से सामने आया है यह मामला Image source:

यह मामला यूपी के अलीगढ़ के अंतर्गत आने वाले किरथला गांव से सामने आया है। यहां पर रहने वाले 53 वर्षीय रामकिशोर की अचानक मौत हो गई थी। परिजनों ने मौत के बाद रामकिशोर के अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर डाली। सभी तैयारियों में करीब 5 घंटे का समय बीत गया। इसके बाद जब लोग रामकिशोर को ले जाने की तैयारियों में जुटे थे तो अचानक उनके मृत शरीर में हलचल होने लगी और कुछ ही समय में रामकिशोर उठकर बैठ गए। यह देख सभी लोग हैरान रह गए। इसके बाद रामकिशोर ने सभी को मृत्यु के बाद के अपने अनुभव बताएं

रामकिशोर ने बताएं मौत के बाद के अनुभव –

रामकिशोर ने बताएं मौत के बाद के अनुभवImage source:

रामकिशोर ने अपनी मौत के बाद जो कुछ अनुभव किया था। वह लोगों को बताया। लोगों ने जब रामकिशोर से मौत के 5 घंटों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा “हमें ज्यादा याद नहीं पर उन्होंने देखा कि एक लंबी दाढ़ी वाले महात्मा अपने किसी प्रमुख अथवा गुरु से बात कर रहें थे। प्रमुख ने महात्मा जी से मेरे बारे में कई सवाल पूछे तथा उसके बाद कहा कि इसको ले जाओ। इसका समय अभी नहीं आया है। इतना कहते ही हमें एक धक्का लगा तथा हमने देखा की सभी लोग हमारे पास बैठे रो रहें थे।” इसी प्रकार का एक मामला बीते फरवरी माह में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के अंतर्गत आने वाले मुख रामपुर गांव से सामने आया था। इस मामले में गांव के बुजुर्ग ज्ञानचंद भी अंतिम समय में अपनी चिता से उठ खड़े हुए थे। उन्होंने भी मृत्यु के बाद के अपने अनुभव लोगों के साथ सांझा किया था।

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