नवरात्र के व्रत कर रहे थे लोग, राहुल बोले “महंगाई के कारण खाने को मोहताज हो गए हैं, लोग”

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राहुल जी की जितनी तारीफ की जाएं उतनी ही कम है। उनके कालजयी शब्दों और बयानों को सभी देशवासी जानते हैं। आज हम आपको हाल ही में राहुल जी के साथ घटित हुई एक घटना के बारे में बता रहें हैं। जैसा की आप जानते ही हैं कि राहुल जी कुछ समय अमेरिका में थे। वहां लंबी चौड़ी धमाचौकड़ी करने के बाद अब वे भारत लौट कर गुजरात चले गए थे। वहां जाकर सबसे पहले उन्होंने भगवान कृष्ण के द्वारिकाधीश मंदिर में सिर झुकाया ही था कि मंदिर परिसर में आए पत्रकारों को राहुल जी का पूर्व बयान “मंदिर में लोग लड़कियां छेड़ने जाते हैं।” याद आ गया और पत्रकार इस बात पर आपस में चर्चा कर ही रहें थे कि राहुल जी के पी.ए ने स्थिति को भाप कर जल्दी ही उनको बाहर कर दिया। खैर दर्शन करने के बाद में राहुल जी ने नाश्ता किया। इस दौरान उन्होंने एक युवक से भी नाश्ता करने के लिए कहा।

युवक ने कहा – “नहीं साहब अभी कहां भोजन मिलना, अभी तो काफी समय लगेगा।”, इस बात को सुनकर राहुल जी कुछ सोचने लगे और फिर नाश्ता करने में मशगूल हो गए।

इसके बाद वे जनता के बीच आये तो उन्होंने कहा – “आज जब मैं नाश्ता कर रहा था तब मैंने एक सज्जन से भी नाश्ता करने को कहा पर उन सज्जन ने कहा कि वे और उनके अन्य साथी नाश्ता नहीं कर पा रहें हैं। आजकल महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ गई है।” राहुल जी ने आगे कहा – “यह सब मोदी जी की गलत नीतियों के कारण हुआ है, मोदी सरकार में जनता भूखी सो रही है।”

नवरात्रImage Source:

इसी बीच उनका भाषण सुन रहें लोगों में से एक व्यक्ति चक्कर आने की वजह से गिर गया। इस पर राहुल जी ने कहा – “देखिये मित्रों लोगों खाना न खाने से लोग खड़े भी नहीं हो पा रहे है, वह भूखे मर रहें हैं।”

इतने में एक व्यक्ति ने भीड़ से चीखते हुए कहा – “अरे भैया सभी लोग नवरात्र के व्रत रखें हुए हैं इसलिए खाना नहीं खा रहें हैं और ये आदमी भूख से नहीं बल्कि धुप में ज्यादा देर खड़े रहने से बेहोश हुआ है।”

इतना सुनने के बाद राहुल जी कुछ क्षण चुप रहें और फिर बोले – “अच्छा व्रत हैं लेकिन फिर आप आलू की सब्जी क्यों खाते हों।”, बस इतना सुनने के बाद में राहुल जी के पी.ए ने माइक बंद करने का इशारा कर दिया और वे राहुल जी को लेकर आगे की ओर बढ़ गए।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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