राहुल गांधी को लगा चूना, गीता मांगने पर थमा दी अश्लील किताब

-

 

वैसे तो सुबह से ही टीवी पर तरह-तरह के ज्योतिषाचार्य इस कलियुग के समय में बचाव के नए-नए उपाय बताते रहते हैं, पर हमें लगता है कि यह कलियुग नहीं, बल्कि महाकलियुग आ गया है। अब देखिए राहुल गांधी जैसा सीधा-साधा युवक गीता को पढ़ने के लिए बाजार से उसको खरीदने के लिए गया, तो राहुल गांधी को गीता के बदले “अश्लील” किताब थमा दी और उनको चूना लगा दिया। अब आप ही बताएं कि इसको घोर कलियुग कहें या नहीं? खैर, सड़क किनारे बैठे किताब बेचने वाले को दिल्ली पुलिस बिल्कुल उसी मुस्तैदी से ढूंढ रही है जैसे यूपी पुलिस ने आजम खां की भैंस ढूंढ निकाली थी। मतलब 24 घंटे में ही राहुल को चूना लगाने वाला वह व्यक्ति जल्द ही गिरफ्तार हो जाएगा।

मामला असल में ऐसा है कि अभी हाल ही में राहुल गांधी ने बीजेपी को समझने के लिए गीता और वेद अध्ययन के लिए सार्वजानिक रूप से घोषणा की थी और वे गीता लेने के लिए बाजार में गए हुए थे, जहां उनके साथ उक्त घटना हुई। जैसा कि आप जानते ही हैं कि सड़क पर किताबें बेचने वाले लोग वैसे ही गुरु किस्म के तुर्रम खां होते हैं, तो ऐसे ही किसी व्यक्ति से राहुल गांधी ने कह दिया “भई कोई अच्छी वाली गीता है क्या”, बस फिर क्या था किताब वाले ने राहुल गांधी को देखा और थमा दी उनको काली पन्नी वाली अश्लील किताब। अब राहुल जी को हिंदी तो आई नहीं सो उन्होंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, पर जब उन्होंने किताब की कुछ तस्वीरों को देखा तो उनको वह कुछ अश्लील सी लगी पर उन चित्रों को उन्होंने अजंता-एलोरा टाइप कुछ प्राचीन सभ्यताओं वाला सोचा और वे 2 हजार रूपए देकर किताब को अपने घर में खुशी खुशी ले आये।

Image Source:

इस बात की पोल उस समय खुली जब राहुल जी के घर में दिग्विजय सिंह उनको गीता के श्लोकों का अर्थ समझाने के लिए आये। दिग्गी राजा किताब को देखते ही हंसने लगे और उनकी इस हंसी को राहुल गांधी भाप गए और शर्माते हुए अपने कमरे में भाग गए तथा दरवाजा लगा लिया, बाद में जब दिग्गी राजा ने उनको विश्वास दिलाया की वे इस बात को किसी से नहीं बताएंगे, तब कहीं जाकर राहुल ने अपने कमरे का दरवाजा खोला और इसके बाद में राहुल जी के युवा नेतृत्व में कांग्रेस का एक दल संसद मार्ग थाने में गया और अश्लील की किताब पुलिस को थमा कर रिपोर्ट दर्ज कराई। अब देखना यह है कि राहुल जी को चूना लगाने वाले उस किताब वाले को कब तक पुलिस ढूंढ निकालती है।

shrikant vishnoi
shrikant vishnoihttp://wahgazab.com
किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments