बाबा रामदेव को तो आप जानते ही होंगे, लेकिन आप यह नहीं जानते होंगे कि अब बाबा रामदेब स्वदेशी जींस भी निकालने वाले हैं, जिसको पहनने से आपको योग के सभी फायदे मिलेंगे। साथ ही आपकी कई बीमारियां भी सही हो जाएंगी, यदि आप नहीं जानते तो कोई बात नहीं आज हम आपको इसकी जानकारी सबसे पहले दे रहें हैं। असल में यह सभी जानकारी हमारे रिपोर्टर पीके गिरपडे जी ने बाबा के श्री चरणों में बैठ कर किये एक गुप्त इंटरव्यू से इकठ्ठा की है, आइए अब जानते हैं गिरपडे जी के सवाल और बाबा के जवाब।
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गिरपडे जी – बाबा क्या ऋषि पतंजलि के नाम पर जींस जैसा कपड़ा शुरू करना अशोभनीय नहीं है या कभी पतंजलि जी ने भी जींस पहनी थी?
बाबा रामदेव – हीहीहीही…, अरे बेटा नहीं पहनी तो पहना देंगे, मतलब पतंजलि जी के नाम से ही शुरू कर देंगे। अब देखो यह तो भारतीयता के संस्कार ही हैं कि यहां के लोग अपने किये सभी कार्यो का श्रेय अपने से बड़े लोगों को ही देते हैं, सो हम भी पतंजलि जी के नाम से ही सभी चीजे बाजार में उतारते हैं, सही है न बेटा…
गिरपडे जी – वो तो सही है बाबा, पर मैंने सुना है कि आपने अपनी जींस पहनने से बीमारियां सही होने का दावा भी किया है, ये क्या चक्कर है बाबा?
बाबा रामदेव – ये चक्कर नहीं बेटा… पूरा घनचक्कर है, मतलब विज्ञान है बेटा। अब देखो आयुर्वेद में सब विज्ञान ही है, तो हमने अपने इस जींस को बनाते समय इसमें आयुर्वेद के कुछ अचूक नुस्खों के रस को जींस एक कपड़े पर लगाया है, जिससे आपके पेट के नीचे की समस्त बीमारियां खत्म हो जाती हैं।
गिरपडे जी – “पेट के नीचे की समस्त बीमारियां” मतलब?
बाबा रामदेव – हीहीहीही…. अब सब कुछ हमसे ही कहलवाओगे क्या, बेटा गिरपड़े तुम तो समझदार हो ही, बाबा तो ब्रह्मचारी ठहरा।
गिरपडे जी – तो क्या ये माना जाएं कि जींस बाजार में आने से नीम हकीमों की गुप्त रो…….
बाबा रामदेव – हीहीही… तुम तो वाकई दूरदर्शी निकले बेटा गिरपड़े। खैर, बाबा का कहना यह है कि जब हमारे पास आयुर्वेद और योग नामक औषधि है ही, तो क्यों किसी नीम हकीम के पास जाना और अब तो जींस पहन कर आराम से आप स्वस्थ भी हो सकते हैं, समझते हो न बेटा गिरपड़े।
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गिरपडे जी – अच्छा जींस से पुरुषों को स्वस्थ करने के बाद क्या महिलाओं के लिए भी प्रोडक्ट निकालेंगे या नहीं?
बाबा रामदेव – क्यों नहीं…पर उसके बारे में अभी कुछ सोचा नहीं असल में देवियों और बहनों के बारे में हमारी यह जींस मार्केट में चलने के बाद ही विचार करेंगे। खैर, अब मुझे योग दिवस पर लोगों को योग कराने वाली प्रेक्टिस करनी है, वहां कुछ गलत न हो जाए हजारों लोगों के सामने।
और यह कहते हुए बाबा बाहर की ओर चले गए।
नोट – इस तरह के आलेख से हमारा संबंध किसी भी व्यक्ति विशेष अथवा समुदाय या किसी की छवि को धूमिल करने का उद्देश्य नहीं हैं और इसमें मौजूद पात्र भी हमने काल्पनिक ही गढ़े हैं।