स्वास्थ्य – वैदिक मंत्र जपने से याददाश्त में होती है वृद्धि, अमरीकी शोधकर्ताओं का दावा

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वैदिक मंत्र देश में प्राचीन काल से संस्कृति के साथ जुड़े हैं, पर अब अमेरिका के वैज्ञानिकों ने भी इनकी वैज्ञानिकता पर विश्वास जताया है। प्राचीन काल से ही अपने देश में वैदिक मंत्रों का जप मन की शांति तथा ईश्वरीय प्रार्थना के लिए किया जाता रहा है। इन मंत्रों पर अमेरिकी शोधकर्ताओं ने शोध कर एक और नया तथ्य दुनिया के सामने रखा है। शोधकर्ताओं को अपने शोध में यह बात पता लगी है कि वैदिक मन्त्रों के उच्चारण से इंसान को मन की शांति ही नहीं मिलती, बल्कि उसकी स्मरण शक्ति का भी विकास होता है।

आपको बता दें कि इस शोध के बारे में अमेरिका की एक विज्ञान पत्रिका ने हालही में लेख प्रकाशित किया था। लेख में पत्रिका ने यह बताया कि “जो मानव वैदिक मन्त्रों का जप करता है या उसको याद करता है, उसके मस्तिष्क में उस हिस्से का विकास होता है जिसका कार्य “याद करना” होता है।” इस प्रकार से वैदिक मंत्रों के जप से मन की शांति ही नहीं मिलती है बल्कि ये मंत्र आपके स्वास्थ्य को भी सकारात्मक दिशाधारा देते हैं।

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42 लोगों पर हुआ था शोध

अमेरिका में किये गए वैदिक मन्त्रों के इस शोध को न्यूरो साइंटिस्ट डॉ.जेम्स हार्टजेल ने किया था। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि “वैदिक मंत्रों के जप या उनको याद करने की कोशिश से याददाश्त बढ़ती है।” अपने इस शोध के लिए डॉ.जेम्स ने 42 लोगों को चुना था जिनमें 21 वैदिक पंडित थे। इस शोध में यह पाया गया कि जो लोग वैदिक मन्त्रों के उच्चारण में पारंगत थे। उनके मस्तिष्क का वह हिस्सा जहां विचार तथा भावनाएं संगृहीत होते हैं ज्यादा सघन था जबकि अन्य लोगों का वह मस्तिष्कीय हिस्सा सामान्य था। इस प्रकार से इस शोध में यह बात सिद्ध हुई कि वैदिक मन्त्रों के उच्चारण करने से मानव को मन तथा मस्तिष्कीय स्वास्थ्य प्राप्त होता है।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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