पीएम मोदी के 15 लाख रूपए देने वाले बयान को तो आप जानते ही होंगे। अब मोदी जी ने सभी देशवासियों को 15-15 लाख देने की फुलप्रूफ प्लानिंग कर ली हैं। जी हां यह सच हैं हालांकि अभी भी कुछ लोग इस पर विश्वास नहीं कर रहें हैं, पर हम आपको बता दें कि पीएम मोदी ने अपने वायदे को पूरा करने के लिए नई योजना तैयार कर ली हैं। जैसा की आप जानते ही हैं कि बीती 8 नवंबर को नोटबंदी का एक वर्ष पूरा हुआ हैं। इस अवसर पर पीएम मोदी ने एक नयी योजना बनाई थी। गुप्त सूत्रों से खबर मिली हैं कि इस योजना को अब मोदी जी नववर्ष पर शुरू करेंगे।
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क्या हैं योजना –
सूत्रों से पता लगा हैं कि पीएम मोदी अपनी इस 15-15 लाख रूपए देने वाली योजना को नववर्ष की पूर्व संध्या पर दिए गए भाषण के बाद शुरू करेंगे। इस संदर्भ में हम आपको बता दें कि हमें पीएम मोदी तथा अन्य कैबिनेट मंत्रियों के बीच का एक टेप हाथ लगा हैं। जिसमें वे नववर्ष की पूर्व संध्या पर दिए जाने वाले अपने भाषण का रिहर्सल करते दिखाई दे रहें हैं। उनके इस रिहर्सल में ही हमें इस 15 लाख वाली योजना का पता लगा हैं। इस टेप में पीएम मोदी क्या कह रहें हैं उसे आप नीचे पढ़ सकते हैं।
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“मेरे प्यारे भाईयों औक बहनों, जैसा की आपको याद होगा कि मैंने आप सभी को 15-15 लाख रूपए देने का वायदा किया था। अब उस वायदे को पूरा करने का समय आ चुका हैं। इसके लिए हम लोगों ने एक फुलप्रूफ योजना बनाई हैं और इसमें मुझे आपका सहयोग चाहिए। मित्रों इस योजना में हम लोगों ने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ‘इसरो’ की सहायता ली हैं।
दरअसल बात यह हैं कि इसरो अपनी ओर से 31 दिसंबर को 50 उपग्रह लांच करेगा और इन सभी में 500 तथा 2000 के नोट ठोक ठोक कर भरे होंगे। ये सभी उपग्रह उचित ऊंचाई पर जाकर आकाश में फट पड़ेगे और पूरे भारत में नोटों की वर्षा होगी। मित्रों आप उस समय अपने आधार तथा पेनकार्ड लेकर अपनी अपनी छत पर चढ़ जाए। जब नोट नीचे आने लगेंगे तो उनमें लगी माइक्रो चिप आपकी औकात को पहचान जाएगी और उसके अनुसार आपके पास नोट खुद ही उड़ते हुए आ जायेंगे।”
मोदी जी ने दोनों हाथों को ऊंचा उठाते हुए कहा।
अब परेशानी यह हैं कि इस योजना के बारे में खुद इसरो को भी नहीं पता था। टेप मीडिया में आने के बाद इसरो में हड़कंप मच गया हैं और वहां के सभी कर्मचारियों की छुट्टियां तत्काल निरस्त कर दी गई हैं तथा बड़े वैज्ञानिकों से लेकर गेट कीपर तक को उपग्रह बनाने के काम में लगा दिया गया हैं ताकि 31 दिसंबर तक सभी 50 उपग्रह बन कर लांच के लिए तैयार हो सकें।
विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना हैं। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं हैं। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक हैं। अगर इससे कोई आहत होता हैं तो हमें बेहद खेद हैं।