पाक से क्रिकेट मैच हारने के बाद में प्रभु राम दुखी हो गए और उन्होंने जो कहा वो बीजेपी को भी बहुत भारी पड़ रहा है। जी हां, देवलोक से आई ताजा खबरों की मानें तो प्रभु राम सबसे ज्यादा क्रोधित हैं। इसकी वजह भी साफ बताई गई है। देवलोक के प्रवक्ता नारद जी ने हमारे संवाददाता पीके गिरपड़े जी से बताया है कि “पहले टीम इंडिया इस चैम्पियन ट्राफी में श्रीलंका से हार गई, जो कि प्रभु राम को बिल्कुल पसंद नहीं आया और बाद में पाक से हार गई, जिसके कारण उनका क्रोध आसमान को छू गया और उन्होंने अपना धनुष उठा कर ब्रह्मास्त्र का संधान कर अपना निशाना BCCI के दफ्तर की ओर लगा दिया था। वो तो तब ही पितामह ब्रह्मा जी ने प्रकट हो कर उनको बताया कि अब त्रेतायुग नहीं, बल्कि कलियुग है इसलिए मेरा शक्तिबाण नष्ट करने की जरूरत नहीं है, तब कहीं जाकर प्रभु ने ब्रह्मास्त्र को अपने धनुष से अलग किया।”
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नारद जी ने आगे बताते हुए यह भी कहा कि “प्रभु राम बीजेपी से भी बहुत नाराज हैं, क्योंकि इतने वर्षों से उनकी ही कृपा से वे सत्ता में हैं, पर फिर भी अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं करा पाए हैं।”, इस बात का पता लगते ही अब विपक्ष भी शोर मचाने लगा है। कांग्रेस के दिग्गी चच्चा ने ट्वीट करके कहा है कि “जो पार्टी अपने आदर्श पुरुष के सपने को सच नहीं कर पा रही है वह जनता के सपने को क्या सच करेगी।” दूसरी ओर दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने भी राम जी के दुख पर दुख जताते हुए टीवी इंटरव्यू में कहा है कि “हम तो पहले ही कहते थे जी, की बीजेपी ही सबसे भ्रष्ट पार्टी है। पहले वोटिंग मशीन में गड़बड़ी कराई और अब राम जी के साथ भी गड़बड़ी कर दी। यही तो भ्रष्टाचार है जी, यही तो है बीजेपी की असलियत।”
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इस मुद्दे पर जन सामान्य भी अब अपने विचार रख रहा हैं। कुछ लोगों का मानना है कि बीजेपी के मंदिर निर्माण न कराने के चलते ही टीम इंडिया श्रीलंका और पाक से हारी है। वहीं नर्कलोग के प्रवक्ता वाणासुर का कहना है कि “श्रीलंका से टीम इंडिया के हारने के बाद में महाराज रावण आज युगों-युगों बाद मुस्कुराएं हैं। वहीं दूसरी और बहन सूर्पणखां उनसे भी ज्यादा खुश थी, क्योंकि उसकी दोबारा से नाक काटने से बच गई थी।” खैर, कुल मिलाकर अब देवलोक में अंदरखाने यह बात चल रही है कि यदि इस बार मंदिर निर्माण का कार्य शुरू नहीं कराया, तो 2019 में सभी देवगण प्रभु राम के नेतृत्व में कांग्रेस को समर्थन कर सकते हैं। अब देखना यह है कि बीजेपी आने वाले समय मंदिर निर्माण पर क्या एक्शन लेती है।
विशेष नोट– इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मंनोरंजन करना है। इसमें मौजूद नाम और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं है। अगर इससे कोई आहत होता है तो हमें बेहद खेद हैं।