दिलचस्प हैं ईसा के जन्म व क्रिसमस सेलिब्रेशन से जुड़ी जानकारियां

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आज क्रिसमस है और जगह-जगह लोग अपने-अपने तरीके और मान्यताओं के अनुसार इसे मना रहे हैं। दुनिया में बहुत ही कम लोग ईसा मसीह के जन्म स्थान के बारे में जानते हैं। असल में यीशू के जन्म के कुछ समय बाद ही उनके माता-पिता को यह स्थान छोड़ना पड़ा था। जीसस यानि ईसा मसीह का अधिकतर जीवन जगह-जगह घूम कर मानवीय शिक्षाओं को लोगों तक बांटने में ही बीता। इसलिए उनके जन्म का स्थान इतिहास में उस प्रकार से शामिल नहीं हो पाया जैसे अन्य महापुरुषों के जन्म स्थान हुए हैं। आज ईसा मसीह के जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनके जन्म स्थान के बारे में न केवल बता रहे हैं बल्कि वहां से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें भी बता रहे हैं।

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ईसाइयों की सबसे पवित्र जगह की बात करें तो फलस्तीनी शहर बेथलहम इनमें से एक है। वर्तमान में स्थित चर्च ऑफ नेटिविटी को ही ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) का जन्म स्थान माना जाता है। ईसा के जन्म का समय AD 1 माना जाता है। यह स्थान येरुशलम (आज इजरायल की राजधानी) से 10 किलोमीटर दूर सेंट्रल वेस्ट बैंक में स्थित है। यह जगह दुनिया के सबसे पुराने ईसाई समुदाय का निवास स्थान है। इसका आकार पलायन के चलते दिन-ब-दिन छोटा होता जा रहा है।

जन्म को लेकर धार्मिक मान्यताएं-
धार्मिक महत्व के लिहाज से ईसा के जन्म को लेकर चार सिद्धांतों में से दो में इसके विवरण मौजूद हैं।

ल्यूक एक्ट-
इसके अनुसार ईसा का परिवार नाजरथ शहर में रहता था, जो लंबी यात्रा करते हुए बेथलहम पहुंचा था। यहीं ईसा ने जन्म लिया। परियों ने उन्हें मसीहा बताया, जिसके बाद ग्वालों का दल उनकी प्रार्थना के लिए पहुंचा।

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मैथ्यू एक्ट-
दूसरे सिद्धांत यानी ‘मैथ्यू एक्ट’ के मुताबिक ईसा का जन्म बेथलहम में हुआ था। उनके जन्म के बाद वहां के राजा हिरोड ने बेथलहम में दो साल से छोटे सभी बच्चों को मारने का आदेश दिया था, लेकिन ईसा का परिवार वहां से मिस्र चला गया। कुछ समय बाद वो नाजरथ में बस गए। कुछ विद्द्वान उनका संबंध नाजरथ से ही बताते है।

क्रिसमस सेलिब्रेशन-
पश्चिमी देशों में मौजूद चर्चों में क्रिसमस का सेलिब्रेशन 30 नवंबर से ही शुरू हो जाता है, जो 25 दिसंबर तक चलता है। पूर्वी देशों में स्थित चर्चों में क्रिसमस का सेलिब्रेशन 40 दिन लंबा होता है। वहां इसका जश्न 15 नवंबर से शुरू होता है। ग्रीक और सीरियाई ऑर्थोडॉक्स (रूढ़िवादी) 25 दिसंबर से ठीक 12 दिन बाद यानी 6 जनवरी को क्रिसमस मनाएंगे। अर्मेनियम ऑर्थोडॉक्स लोगों के बीच क्रिसमस का जश्न 19 जनवरी को मनाया जाता है।

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