जैसा कि आप जानते ही होंगे कि प्रधान मंत्री मोदी ने हाल ही ने सीमा की सुरक्षा को लेकर अमेरिकी ड्रोन को सीमा पर लगाने की सलाह दी थी, पर मोदी जी की इस सलाह को भारतीय सेना ने सही नहीं माना। भारतीय सेना का कहना है कि अपने देश में एक ऐसा शख्स भी है जिसको यदि भारतीय सेना को दे दिया जाए, तो कभी भी अमेरिकी ड्रोन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
इस मामले को आगे बढ़ाते हुए भारतीय सेना की ओर से सोनिया गांधी के दामाद “राबर्ट वाड्रा” की मांग की गई है। इस मांग के बारे में सुन सभी लोग हैरान रह गए और इस अजीबो-गरीब मांग के पीछे की असल बात जानने की कोशिश करते रहें। इसी बात को जानने के लिए हमारे विशेष संवाददाता पीके गिरपड़े जी भी भारतीय सेना के जनरल से मिले और इस बारे में पूछा।
image source:
जर्नल साहब ने इस बारे ने हमारे संवाददाता को बताते हुए कहा कि असल बात यह है कि एक रात को हम सभी लोग सीमा पर गश्त कर रहें थे। तब ही हमें सीमा पार से आने वाले कुछ घुसपैठिये नजर आये। जब वे पास आ गए तो उस समय चौकी पर तैनात सूबेदार विजय सिंह ने जल्दबाजी में वह अखबार ही चीनी घुसपैठियों पर फेंक मारा जिसको वह पढ़ रहें थे। जब चीनी लोगों ने उस अखबार को देखा तो वे उसको देखते ही भाग खड़े हुए।
असल में उस अखबार में राबर्ट वाड्रा की खबर थी, जिसमें राबर्ट के जमीन कब्जाने की ताकत का लेवल बताया गया था। जर्नल साहब ने आगे कहा कि अब आप बताइए जब हमारे पास इतना शक्तिशाली व्यक्ति है जिसका फोटो देखते ही चीनी लोग भाग खड़े हुए, तो जब वह असल में भारतीय सेना के साथ हो तो क्या अमेरिकी ड्रोन की जरूरत होगी।
जर्नल साहब ने दो घूंट पानी पीकर आगे कहा कि भई, मैं तो कहता हूं कि यदि वाड्रा को भारतीय सेना को दे दिया जाए तो वह चीन द्वारा छीना गया तिब्बत और पाकिस्तान के POK को कब्जाकर आसानी से दोनों ही समस्याओं का खात्मा बिना किसी युद्ध के कर सकते हैं।
जर्नल साहब के इस इंटरव्यू के बाद में सोशल मीडिया पर लोगों ने अपने विचार देने शुरू कर दिए हैं। राजेश नामक एक व्यक्ति ने फेसबुक पर लिखा है कि “एलियंस भारत में इसलिए ही नहीं आते ताकि वाड्रा उनके ग्रह पर कब्ज़ा न कर ले”, दूसरी ओर पुरानी फिल्मों की शौकीन एक युवती ने ट्विटर पर लिखा है कि “ये सड़क क्या तेरे बाप की है” आपको बता दें कि यह सवाल सबसे पहले रॉबर्ट वाड्रा ने पूछा था जमीन खरीदने के लिए। खैर, देखा जाए तो भारतीय सेना का कहना सही है कि जब अपने पास में इतना शक्तिशाली व्यक्ति है ही तो क्यों महंगे ड्रोन अमेरिका से खरीदे जाए। खैर, अब देखना यह है कि मोदी जी वाड्रा को भारतीय सेना को देते हैं या नहीं।
विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मंनोरंजन करना है। इसमें मौजूद नाम और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं है। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक है। अगर इससे कोई आहत होता है तो हमें बेहद खेद हैं।