जानिये राहुल गांधी की ये बातें जो आपको हंसने पर मजबूर कर देंगी

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राहुल गांधी के बारे में क्या कहा जा सकता है और क्या नहीं, वह सभी खूब समझते हैं। हाल ही में राहुल जी विदेश के विद्यार्थियों में ज्ञान बांट कर भारत लौटे हैं। राहुल जी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “2012 में कांग्रेस में अहंकार घर कर गया था और उसकी के चलते पार्टी की आज यह हालत है।” एक अन्य सवाल के जवाब में राहुल जी ने अपनी पार्टी के लोकसभा सांसदों की संख्या 546 बता दी थी। इस बात पर सोशल मीडिया पर उनकों कैफीन ट्रोल किया गया था। आज आपको यहां राहुल गांधी के कुछ ऐसे ही बयानों से हम मुखातिब करा रहें हैं जिनको सुनकर कोई भी आदमी अपनी हंसी नहीं रोक पायेगा। आइये जानते हैं इन बयानों के बारे में।

राहुल गांधीImage Source: 

1 – कांग्रेस फनी पार्टी है –

एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कांग्रेस को फनी पार्टी बता दिया। उन्होंने कहा “असल में कांग्रेस पार्टी फनी है। इसमें कोई नियम कानून नहीं है। यह एक मजेदार संघटन है। कभी कभी तो मैं सोचता हूं कि यह पार्टी चलती कैसे है।”

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2 – पैंट-शर्ट में भी है राजनीति –

एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कहा “हर स्थान पर पॉलिटिक्स है। यहां तक कि आपकी पैंट में भी है और आपकी शर्ट में भी है।”

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3 – आलू की फैक्ट्री –

राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान आलू की फैक्ट्री लगवाने की बात की थी। तब वे सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल किये गए थे। उन्होंने कहा था कि “वे सत्ता में नहीं है इसलिए वे आलू की फैक्ट्री नहीं लगवा सकते।”

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4 – अच्छे दिन सिर्फ पिक्चर हैं –

प्रचार के दौरान मणिपुर की एक रैली में पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि हमने “सोचा अच्छे दिन की पिक्चर चल रही है… ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’! लेकिन पता चला कि पिक्चर का नाम निकला ‘शोले’ और आ गए ‘गब्बर सिंह।”

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5 – गरीबी एक मानसिकता है –

अपनी रैली के दौरान एक भाषण में राहुल गांधी ने कहा की “गरीबी सिर्फ एक मानसिकता हैं इसका कपड़े या रोटी के साथ कोई संबंध नहीं है। यदि कोई आत्मविश्वास में रहें तो वह गरीब नहीं हो सकता।”, उनके इन शब्दों के कारण राहुल गांधी का सोशल मीडिया पर काफी मजाक बनाया गया था।

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विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना है। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं है। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक है। अगर इससे कोई आहत होता है तो हमें बेहद खेद हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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