जैसा कि आप को मालूम ही होगा कि गुरमीत राम रहीम सिंह के केस पर आज कोर्ट फैसला देने वाला है। ऐसे में उनके भक्तों की बढ़ती भीड़ को देखकर सरकार हैरान हैं और इसलिए सरकार ने चीन के बार्डर से सेना को कोर्ट परिसर के लिए रवाना कर दिया है। सूत्रों की मानें तो बाबा के 10 लाख अनुयायियों से निपटने के लिए अर्ध सैनिक बल कम पड़ रहा है, इसलिए सरकार की ओर से यह कदम उठाया गया है।
आज सुबह-सुबह ही केंद्र सरकार के कैबिनेट की आपात बैठक हुई। इस बैठक के बाद जैसे ही राजनाथ सिंह बाहर आए उनको मीडिया वालों ने घेर लिया। राजनाथ सिंह ने कहा कि “मेरी कड़ी निंदा से बड़े-बड़े आतंकवादी डर जाते हैं, पर बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह के भक्तों के सामने मेरी निंदा भी फैल हो रही है, इसलिए हम लोगों ने बार्डर से सेना बुलाने का फैसला लिया है। वैसे तो हम लोग भी यही चाहते हैं कि बाबा गुरमीत राम रहीम जी अपने केस से बरी हो जाएं, पर यदि ऐसा नहीं होता तब कुछ ऐसा होगा कि सांप मरेगा नहीं, पर मेरी लाठी जरूर टूट जाएगी।”- राजनाथ सिंह ने अपने माथे और सिर से पसीना पोंछते हुए कहा।
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पत्रकार ने पूछा – यदि चीन बार्डर से सेना के आने के बाद में चीन ने सीमा पर कब्जा कर लिया, तब ऐसे में सरकार की क्या रणनीति होगी?
इस प्रश्न पर राजनाथ सिंह कहते हैं- “अरे, चीन को बाद में कुछ ले दे के मना भी सकते हैं, पर भक्तों को नहीं मना सकते, इसलिए पहले ये सोचा जा रहा है कि इनका क्या करना है।”
पीएम मोदी की बात तो सभी भक्त सुनते हैं, ऐसे में क्या वह पीएम मोदी की बात नहीं सुनेंगे – पत्रकार ने अगला प्रश्न किया।
राजनाथ सिंह ने हंसते हुए कहा कि आप शायद भक्त भक्त में फर्क नहीं जानते हैं। यहां जिन भक्तों की बात हो रही है, वह मोदी की अपील भी नहीं मानेंगे। इतना कहने के बाद राजनाथ सिंह हरियाणा के लिए रवाना हो गए। इस बीच खबर आ रही है कि जिस टैंक को जेएनयू कैंपस में रखा जाना था, उसको पंचकूला की ओर भेजा जा चुका है। सरकार का मानना है कि छात्रों को देशभक्ति बाद में भी सीखा सकते हैं, पर पहले इन भक्तों की परेशानी खत्म होनी चाहिए।
विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना है। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं है। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक है। अगर इससे कोई आहत होता है तो हमें बेहद खेद हैं।