विजय माल्या इस नाम से तो आप अच्छे से परिचित होंगे। इतना ही नहीं आजकल तो मीडिया में वो चर्चा का विषय बने हुए हैं। उनका मीडिया में चर्चा में रहने का कारण उनकी कोई कामयाबी नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ा कर्ज है। इसी मामले में विजय माल्या को एक नया झटका लगा है। सूत्रों से पता चला है कि ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने उन्हें कारोबार से हटने के लिए डियाजियो से प्राप्त होने वाली राशि निकालने में मना कर दिया है। आपको बता दें कि डियाजियो से विजय माल्या को 515 करोड़ रुपये की रकम मिलनी थी, लेकिन अब उस पर रोक लग गई है।
डीआरटी के जज बेनाकनाहल्ली ने यूनाइटेड स्पिरिट और डियाजियो पर कुछ समय के लिए माल्या को यह रकम देने से रोक दिया है। डीआरटी के द्वारा जारी किए गए आदेश में साफ-साफ कहा गया है कि 2013 में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दायर की गई अपील का जब तक निपटारा नहीं हो जाता तब तक इस राशि को जब्त किया जाएगा। आपको बता दें कि इस मामले से जुड़ी अगली सुनवाई 28 अप्रैल को होनी है।
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वैसे इस आदेश के जारी होने से पहले ही बीते रविवार को माल्या ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि वो बैंकों के द्वारा किंगफिशर एयरलाइंस पर लगाए गए ऋण को एक बार में ही देने की बात कर रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह तक कहा कि वो अपने ऋणदाताओं को धोखा देकर भागने वालों में से नहीं है तथा उनका इस मामले से भागने का भी कोई इरादा नहीं है।
किंगफिशर एयरलाइंस को एसबीआई के साथ 17 बैंको ने ऋण दिया था तथा एयरलाइन को इन बैंको को 7800 करोड़ रुपये देने हैं जबकि एयरलाइन को एसबीआई को 1600 करोड़ रुपये देने हैं। आपको बता दें कि एयरलाइन को जिन बैकों को पैसे देने हैं उनमें बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, फेडरल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, देना बैंक व यूको बैंक भी शामिल हैं। ऋण समय पर ना चुका पाने के कारण पिछले ही साल एसबीआई व पीएनबी ने माल्या को विल्फुल डिफाल्टर (जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाला) मान लिया था।