बाबा को रंगीन कपड़े पहनने पर जज ने लगाई रोक, सुनते ही रोने लगे बाबा राम रहीम

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जैसा कि आपको पता होगा ही की बाबा राम रहीम को हाल ही में 20 वर्ष की सजा दी गई और बाबा इस दौरान कोर्ट में काफी रोये भी थे, पर बहुत कम लोग ही उनके रोने के पीछे के रहस्य को जानते हैं। आज हम आपको बाबा राम रहीम के कोर्ट रूम में रोने के पीछे के रहस्य को ही बता रहें हैं। बता दें कि जब बाबा को सजा सुनाई गई थी, तब सभी न्यूज़ चैनल वाले इस बात को भी बराबर बता रहें थे कि बाबा राम रहीम सजा सुनकर रोने लगे थे। असल में उस समय कोर्ट में उपस्थित वकीलों को भी यही लगा था कि बाबा सजा के डर से रोने लगें हैं, पर जब वास्तविकता सामने आई तो मामला ही कुछ और निकला। आइए आपको हम बताते हैं आखिर क्या था बाबा के रोने के पीछे का रहस्य।

बाबा से जब हमारे संवाददाता पीके गिरपड़े ने पूछा तब बाबा ने अपने दुखी होने का राज खोला।

बाबा राम रहीमImage Source:

“बाबा क्या आप सजा सुनकर डर से रो रहे थे” – पीके गिरपड़े ने पूछा

“नहीं बेटा नहीं, ऐसा नहीं है। पुलिस तो वैसे भी हमारी जेब में ही रहती जेल में रहेंगे, तो वहां भी ऐश से रहेंगे। हम इस वजह से दुखी नहीं हो रहें थे कि हमें लंबी सजा मिली है।”- बाबा राम रहीम ने बताया।

“तब आखिर आप वहां क्यों दहाड़े मार-मारकर रो रहें थे बाबा” – पीके गिरपड़े ने फिर प्रश्न किया।

इस सवाल को सुनकर बाबा फिर से रोने लगे और बड़ी मुश्किल से उनको चुप कराया गया। कुछ समय बाद शांत होकर बाबा ने कहा – “असल में सजा के दौरान जज ने यह भी कहा था कि हम अब रंगीन कपड़े नहीं पहन सकते, बल्कि हमें अब सादे कपड़ों में ही जेल में रहना होगा। बस यही सुनकर हम जार-जार होकर रोने लगे।”

कुल मिलाकर बात यह है कि बाबा अपने रंगीन कपड़ों से अलग होने का दर्द सहन नहीं कर पा रहे हैं, वहीं देश में करोड़ों लोग इसलिए खुश नजर आ रहें हैं, क्योंकि अब उन्हें बाबा को रंगीन कपड़ों में देख कर उनको झेलने वाली मनोस्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा।

विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना है। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं है। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक है। अगर इससे कोई आहत होता है तो हमें बेहद खेद हैं।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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