जर्मनी में जिस समय एक तरफ हिटलर की क्रूर तानाशाही से लोगों के मन में खौफ था, उसी समय अपनी सुंदर कल्पना से लोगों के मन से हिटलर का खौफ मिटाने वाले महान हास्य कलाकार चार्ली चैप्लिन का आज जन्मदिन है। उनका जन्म आज से करीब 127 साल पहले हुआ था। आज भले ही उन्हें हमसे दूर हुए कई साल हो गए हों, लेकिन आज भी दुनिया उनकी एक्टिंग और तस्वीर को देखकर अपने तनाव को कम कर लेती है।
चार्ली ने हमें यह सिखाया कि अपनी हंसी और खुशी को बरकरार रख कर हम कैसे उसे एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। चार्ली ने जनता के मन में बसने वाले डर को समाप्त कर उनमें आने वाले कल के प्रति उम्मीदें भरी। इस महान हास्य कलाकार ने 16 अप्रैल 1889 को दुनिया में कदम रखा। इनका जन्म स्थान लंदन था। इनकी मां का नाम हैना चैप्लिन और पिता का नाम चार्ल्स स्पेंसर चैप्लिन था। इनके पिता सीनियर म्यूजिक हॉल में अपना अभिनय दिखाने के साथ ही गाया भी करते थे। चार्ली ने अपना बचपन काफी तकलीफों में व्यतीत किया।
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कहां से आया दर्शकों को हंसाने का हुनर-
पांच साल की उम्र में जब चार्ली अपनी मां के साथ एक स्टेज शो के लिए पहुंचे तो उनकी मां स्टेज पर गाना शुरू ही करने वाली थीं कि अचानक स्टेज पर उनकी आवाज नहीं निकल पाई और वह स्टेज पर गा ना सकीं। ऐसे में वहां मौजूद दर्शक गुस्से के मारे जोर-जोर से चिल्लाने लगे। इस शोर शराबे को देखकर मैनेजर ने चार्ली को स्टेज के सामने खड़ा कर दिया। चार्ली ने घबराहट में मां के गाने की ही नकल उतार दी। इस पर वहां बैठे दर्शकों ने उनकी काफी तारीफ की और पैसे लुटाने लगे। इस स्टेज शो से मिले पैसे चार्ली की पहली मेहनत की कमाई थी।
मां-बाप के अलग होने का जीवन पर पड़ा असर –
माता और पिता के एक दूसरे से अलग होने के फैसले के कारण चार्ली को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा। मां के पागल होने के बाद भी उन्हें अपनी लाइफ में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके बाद चार्ली को अपने पिता के पास जाना पड़ा, जहां उनकी सौतेली मां ने उन्हें काफी परेशान किया। हालांकि मां के ठीक हो जाने के बाद वह अपनी मां के पास लौट आए और स्कूलिंग भी शुरू कर दी, लेकिन चार्ली का पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था। उन्हें काम जैक्सन से मुलाकात के बाद ही मिला। जैक्सन की मदद से उनको अच्छा काम मिल गया। चार्ली की पहली बोलती फिल्म द ग्रेट डिक्टेटर थी।
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कई पुरस्कारों से किए गए सम्मानित –
चार्ली को उनके जीवन में कई पुरस्कारों से नवाजा गया। 1929 में अकादमी मानद पुरस्कार द सर्कस, 1927 में लाइफ टाइम अकादमी पुरस्कार, 1952 में सर्वोत्तम ओरिजनल म्यूजिक अभिनेता पुरस्कार न्यूयॉर्क फिल्म क्रिटिक सर्कल अवार्ड, 1972 में करियर गोल्डन लायन लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा गया था।
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चार्ली चैप्लिन के जिंदगी की कहानी सभी लोगों के लिए एक उदाहरण है कि कैसे इतने दर्द के बावजूद भी हम हंसकर उस दर्द को कम कर सकते हैं। साल 1977 में जब दुनिया क्रिसमस का पर्व मनाने में व्यस्त थी उसी दिन यह महान हास्य कलाकार दुनिया को छोड़कर चले गए। अब भले ही चार्ली हमें हंसाने के लिए हमारे करीब ना हों, लेकिन उनका अभिनय और हंसाने की कला आज भी कई मायूस व परेशान चेहरों पर मुस्कान ले आती है। उन्होंने अपनी जिदंगी को देखते हुए दुनिया को एक काफी अच्छा संदेश दिया। उनका कहना था कि –