कहते हैं कि किस्मत और समय कब बदल जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। इंसान के हाथ में केवल मेहनत और कर्म करना होता है, उस कर्म के प्रतिफल के बारे में विचार करना व्यर्थ ही है। ऐसा ही एक किस्सा वाशिंगटन में देखने को मिला। जिसमें एक वक्त की रोटी को मोहताज हो चुका शख्स एकाएक करोड़ों का मालिक और किस्मत पर विश्वास करने वाले लोगों के लिए एक मिसाल बन गया।
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बुजुर्गों के द्वारा बनाए गए हर किस्से के पीछे कुछ न कुछ महत्वपूर्ण तथ्य छुपे होते हैं। आज हम सोचते हैं कि कई कहावतें बेबुनादी तौर पर बनी हुई हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। पहले की कहावतें आज भी उतनी ही तथ्यपूर्ण लगती हैं जितनी वह पहले होंगी। वाशिंटन में रहने वाले 61वर्षीय मिचेल एंग्फॉर्स के साथ ऐसा ही कुछ हुआ कि वो एक दिन में करोड़ों का मालिक बन गया। कुछ वर्षों पहले मिचेल के पास गाड़ी, बंगला और दौलत सब कुछ था, लेकिन अचानक व्यवसाय में घाटा हो जाने के कारण वह गरीब हो गया। घाटे के कारण उसका मकान और दौलत सब चली गई। यहां तक कि मिचेल की पत्नी तक उन्हें मुश्किल दौर में अकेला छोड़ कर चले गई। इस तंगहाली में उस बुजुर्ग व्यक्ति को करीब छह सालों तक फुटपाथ पर रहकर जिंदगी गुजारनी पड़ी। उस समय में उस के पास खाने तक के लिए पैसे नहीं थे। लोगों से सहायता के रूप में मिलने वाली राशि से वह अपना जीवन बीताता था। तभी उसने लॉटरी खेलने का विचार किया और लॉटरी का टिकट लेने लग गया। एक दिन उसने दस डॉलर कीमत की लॉटरी का टिकट खरीदा। उसने जब शाम को इस लॉटरी का नतीजा देखा तो वह हैरान रह गया। उसे पांच लाख डॉलर यानि करीब तीन करोड़ रुपए की लॉटरी जीत ली थी। अब वह आलिशान जिंदगी बिता रहा है।
इस तरह किस्मत और समय कब करवट ले लें किसी को पता नहीं होता। इसका मतलब यह नहीं है कि आदमी को कर्म नहीं करके केवल भाग्य के भरोसे ही बैठे रहना चाहिए। हर काम यहां तक कि भाग्य भी उसी व्यक्ति का साथ देता है जो कर्मशील होते हैं।