बाबा राम रहीम की गुफा में इंट्रेस्ट रखने वाला एक इंजीनियर हाल ही में पुलिस ने धर दबोचा है। बताया जा रहा है वह बाबा बनने की कोशिश कर रहा था। आपको बता दें कि यह इंजीनियरिंग स्टूडेंट एक जाने माने इंस्टीट्यूट में पढ़ता है। इसके पास से पुलिस के बाबा टाइप कई जोड़ी कपड़े तथा कई चिलम आदि चीजें प्राप्त की हैं। छात्र को पकड़ने के बाद में पुलिस ने पूछताछ का क्रम शुरू किया, जिसमें कई हैरान करने वाली बातें सामने आई। सूत्रों की मानें तो यह भावी इंजीनियर गर्लफ्रेंड न बना पाने से बहुत ज्यादा दुखी था और इसलिए पिछले 5 वर्षों से लगातार राम रहीम के आश्रम के ऐश और अय्याशियों पर नजर रखें हुआ था। इस छात्र के दोस्तों का कहना था कि यह छात्र सुबह शाम “माफी” तथा “गुफा” के बारे में बात करता रहता था। यहां आपको हम यह बता दें कि अभियुक्त का नाम हमने सामाजिक कारणों से गुप्त रखा हुआ है।
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इस छात्र ने जैसे ही बाबा की गुफा में 200 साध्वियों वाली खबरें टीवी पर देखी वैसे ही इसने एक प्लान तैयार किया। अपने प्लान को अंजाम देने के लिए इस छात्र ने अपने कॉलेज के पीछे खाली पड़े एक फ्लैट को किराए पर ले लिया और “परम आनंद सेवा आश्रम” नामक एक बोर्ड लगा डाला। छात्र की दाढ़ी आजकल के फैशन के हिसाब से पहले ही बढ़ी हुई थी, बस उसने धुपबत्ती तथा भजन के गानों का जुगाड़ कर लिया और सुबह शाम भजन बजाने लगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि अभी तक उस फ्लैट पर कोई लड़की तो नहीं आई थी। लेकिन इस नए नवेले इंजीनियर बाबा के दोस्त रोज शाम को दारू पीने के लिए रेगुलर आते थे। पुलिस ने जब सख्ती से पूछताछ की तो छात्र टूट गया और उसने बताया कि पिछले 3 वर्षों में उसकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनी, हालांकि उसने फेसबुक, ट्विटर जैसे सभी टोने टोटके अपना लिए, लेकिन फिर भी जीवन में कोई परिवर्तन नहीं आया, इसलिए उसने बाबागिरी वाले आइडिया पर काम करना शुरू कर दिया। वर्तमान में पुलिस इस इंजीनियर बाबा के 2 अन्य दोस्तों की भी खोज कर रही हैं, जो इस इंजीनियर बाबा के आश्रम का प्रचार आसपास के क्षेत्र में कर रहें थे। बताया जा रहा है कि इस इंजीनियर बाबा ने अपने इन 2 दोस्तों को भी गर्लफ्रेंड बनने वाला लालच दिया था। पुलिस अभी तफ्तीश में जुटी हुई है, पर इस घटना से इंजीनियरिंग के छात्रों के रसहीन और दुखद जीवन का पक्ष समाज के सामने आ गया है।
विशेष नोट- इस तरह के आलेख से हमारा उद्देश्य केवल आपका मनोरंजन करना है। इसमें मौजूद नाम, संस्था और राजनीतिक पार्टियों की छवि को धूमिल करना हमारा उद्देश्य नहीं है। साथ ही इसमें बताया गया घटनाक्रम मात्र काल्पनिक है। अगर इससे कोई आहत होता है तो हमें बेहद खेद हैं।