जीका वाइरस डेंगू और चिकिनगुनिया का मिला जुला रूप होता है। जो बच्चों के मस्तिष्क को प्रभावित कर उन्हें पूरी तरह से खत्म कर देता है। इस बीमारी का फैलता संक्रमण अब जल्द ही भारत में देखा जाने वाला है। इस खतरनाक वाइरस की पुष्टि व्यक्ति के खून के पुराने नमूने की जांच के दौरान से की गई है।
मच्छर के द्वारा फैलने वाले इस वायरस का संक्रमण सबसे ज्यादा ब्राजील क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है, जो अब भारत में देखने को मिल रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीका वायरस के लक्षणों को प्रप्त करने के लिए लिए उन रोगियों की जांच शुरू करने का फैसला किया है, जिनमें डेंगू के लक्षण मिलने से बुखार आता है। इस वाइरस की शुरूआत गर्मियों के शुरू होते ही डेंगू का प्रकोप बढ़ना शुरू हो जाती है।
अभी हाल ही में बांग्लादेश में एक व्यक्ति के खून के नमूने में वायरस की पुष्टि हुई है और जिस व्यक्ति के खून में संक्रमण मिला है, वह कभी भी बांग्लादेश से बाहर नहीं गया।जबकि उसके दूर के करीबी लोंगों में भी उसके लक्षण देखने को नही मिले है। बताया जाता है कि 2014-15 में बुखार से ग्रस्त लोगों में कम से कम एक हजार रोगियों की खून की जांच की गई थी। जिस दौरान एक व्यक्ति के ब्लड में जीका वायरस होने की संभावना पाई गई थी।
जिसके लिये हमारे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान ने भी भारत सहित अन्य देशों में भी जांच के लिये सक्रीय कदम उठा लिये है।
लक्षण-
जीका वायरस के लक्षण डेंगू और चिकनगुनिया के समान ही मिलते जुलते है। इसमें काफी तेज बुखार आने के साथ जोड़ों में दर्द सिर दर्द आखों का लाल होना कमजोरी का बढ़ते जाना पूरे शरीर में लाल लाल चकते पढ़ जाना आदि जैसे लक्षण पाये जाते है। ये सभी बीमारी एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होती है। इसलिए डेंगू के फैलने के समय जीका वायरस का भी टेस्ट करवाना काफी जरूरी है।