ज़ीक़ा वायरस का खतरा आज पूरी दुनिया में मंडरा रहा है। कई रिसर्चर्स इस बीमारी के इलाज के लिए प्रभावी वैक्सीन बनाने में लगे हैं। जिस तरह से यह बीमारी तेजी से दुनिया के अलग-अलग भागों में फ़ैल रही है, उससे इस वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या भी बढ़ी है। साइंटिस्ट ने इस बात का पता लगाया है कि अगर कोई भी स्वस्थ मनुष्य इस वायरस से संक्रमित रोगी के थूक या यूरीन के संपर्क में आता है तो उसे यह रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
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ब्राज़ील के रिसर्चर्स को ज़ीक़ा वायरस से पीड़ित मरीजों के थूक और यूरीन में इस बीमारी के लक्षण दिखे हैं। इसका अर्थ है कि ज़ीक़ा वायरस किसी रोगी के थूक या यूरीन से किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में जा सकता है। एक समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार ब्राज़ील के ओसा क्रूड फाउंडेशन के सेक्रेटरी पॉलो गवेल ने शुक्रवार को इस बात की घोषणा की। ओसा क्रूड फांउडेशन ब्राज़ील का प्रसिद्ध जन स्वास्थ्य शोध संस्थान है।
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इस बारे में बात करते हुए गवेल ने बताया कि इस बात की पुष्टि के लिए और परिक्षण किये जाने की जरूरत है। वैज्ञानिकों द्वारा ज़ीक़ा वायरस के थूक और यूरीन से फैलने की बात को लेकर ब्राज़ील के डिपार्टमेंट ऑफ़ हेल्थ ने इस बारे में सबको सलाह दी है कि लोग किसी दूसरे का टूथ ब्रश, गिलास या किसी निजी सामान का उपयोग ना करें। कोशिश करें कि अपने हाथों को साफ़ रखने के लिए इन्हें बार-बार धोएं।
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इसके अलावा मंत्रालय ने यह बताया है कि थूक और यूरीन से ज़ीक़ा वायरस के फैलने का यह मतलब नहीं है कि अब एडीज़ एजिप्टी मच्छरों से इस बीमारी की रोकथाम के उपायों को कम कर दिया जाए, क्योंकि यह मच्छर सिर्फ ज़ीक़ा वायरस ही नहीं बल्कि डेंगू, चिकनगुनिया आदि बीमारियां फ़ैलाने के लिए भी जिम्मेदार है।